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बस्तर को नक्सलवाद से मुक्त कर देश का सबसे विकसित आदिवासी संभाग बनाएंगे: अमित शाह

गृह मंत्री ने कहा कि 31 मार्च 2026 तक देश को पूरी तरह नक्सलवाद से मुक्त कर दिया जाएगा. उन्होंने भरोसा दिलाया कि आने वाले पांच वर्षों में बस्तर को देश का सबसे विकसित आदिवासी संभाग बनाया जाएगा.

बस्तर को नक्सलवाद से मुक्त कर देश का सबसे विकसित आदिवासी संभाग बनाएंगे: अमित शाह
  • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बस्तर के विकास और नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है
  • अमित शाह ने मार्च तक देश को पूरी तरह नक्सलवाद से मुक्त करने का लक्ष्य घोषित किया है
  • अगले पांच वर्षों में बस्तर को देश का सबसे विकसित आदिवासी संभाग बनाने का वादा किया गया है
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बस्तर:

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को एक बार फिर बस्तर के विकास और नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया है. वो छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में आयोजित संभाग स्तरीय बस्तर ओलंपिक के समापन समारोह में भी शामिल होने पहुंचे थे. इस अवसर पर अमित शाह ने कहा कि नक्सलवादियों ने वर्षों तक बस्तर के विकास पर रोक लगाई. वे सड़क, बिजली, पानी और अन्य बुनियादी सुविधाओं के काम में बाधा बनते रहे, जिससे यह क्षेत्र पीछे रह गया। लेकिन अब हालात बदल रहे हैं और सरकार पूरी मजबूती से विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रही है.

गृह मंत्री ने कहा अगले साल मार्च तक देश को पूरी तरह नक्सलवाद से मुक्त कर दिया जाएगा. उन्होंने भरोसा दिलाया कि आने वाले पांच वर्षों में बस्तर को देश का सबसे विकसित आदिवासी संभाग बनाया जाएगा.बस्तर के हर घर तक बिजली पहुंचेगी, हर घर में पानी की सुविधा होगी और लोगों को बेहतर जीवन मिलेगा. साथ ही बस्तर की समृद्ध और सुंदर आदिवासी संस्कृति को भी संरक्षित किया जाएगा, ताकि विकास के साथ बस्तर अपनी पहचान को और मजबूत कर सके.

आपको बता दें कि साल 2024 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कहा था कि 31 मार्च 2026 तक भारत से लाल आतंक खत्म कर दिया जाएगा. तब कई लोगों ने इसे बड़ा राजनीतिक बयान माना, लेकिन ज़मीन पर चल रही कार्रवाई ने इस डेडलाइन को महज़ तारीख नहीं रहने दिया. डेडलाइन से लगभग 4 महीने पहले ही रेड कॉरिडोर के दो राज्यों ने खुद को नक्सल मुक्त घोषित कर दिया. वो इलाके, जहां कभी पुलिस कैंप बनाना भी मौत को न्योता देने जैसा था, आज वहां बिना डर विकास की गाड़ियां चल रही हैं.

तय समय से पहले खत्म होगा नक्सलवाद

जिस लाल गलियारे को कभी देश की सबसे बड़ी आंतरिक सुरक्षा चुनौती माना जाता था, आज वही गलियारा सिमटता जा रहा है. माडवी हिडमा जैसे खूंखार माओवादी कमांडर का खात्मा, करोड़ों के इनामी नक्सलियों का एक-एक कर सरेंडर और तय समय से पहले नक्सल मुक्त राज्यों के ऐलान ये साफ संकेत हैं कि नक्सलवाद अब अंतिम दौर में है. सुरक्षाबलों की रणनीति बदली है, कार्रवाई तेज़ हुई है और जंगलों में बचे कैडर के सामने अब सिर्फ दो ही रास्ते हैं या तो हथियार डालें, या फिर गोलियों का सामना करें.

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