जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले को लेकर केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं. इनमें सिंधु जल संधि को स्थगित करने का का बड़ा फैसला भी शामिल है. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सरकार के इस फैसले पर कहा कि जहां तक जम्मू-कश्मीर का सवाल है, हम कभी भी सिंधु जल संधि के पक्ष में नहीं रहे हैं. हमारा हमेशा मानना रहा है कि सिंधु जल संधि जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए सबसे गलत है.
पहलगाम हमले के बाद केंद्र सरकार ने 1960 की सिंधु जल संधि को तुरंत स्थगित करने का फैसला किया है. माना जा रहा है कि इस संधि के स्थगित होने के बाद पाकिस्तान में पानी की किल्लत हो सकती है. कई विशेषज्ञों के मुताबिक, इस संधि को स्थगित करने से भारत नदियों के जल भंडारण या प्रवाह के बारे में पाकिस्तान से जानकारी साझा करने के लए बाध्य नहीं है.
क्या बोले उमर अब्दुल्ला?
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जहां तक जम्मू-कश्मीर का सवाल है, हम कभी भी सिंधु जल संधि के पक्ष में नहीं रहे हैं. हमारा हमेशा मानना रहा है कि सिंधु जल संधि जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए सबसे अनुचित दस्तावेज है.
#WATCH | Srinagar | #PahalgamTerroristAttack | On the decision of the Central government to suspend the Indus Water Treaty, J&K CM Omar Abdullah says, "The government of India has taken some steps. As far as J&K is concerned, we have never been in favour of the Indus Water… pic.twitter.com/2VG6fpxarh
— ANI (@ANI) April 25, 2025
बता दें कि भारत और पाकिस्तान ने इस समझौते को लेकर करीब नौ सालों तक बातचीत की थी और 19 सितंबर 1960 को सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किए थे. इस संधि पर हस्ताक्षर करने वालों में भारत और पाकिस्तान के अलावा विश्व बैंक भी शामिल था.
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