पत्रकार अक्षय सिंह की फाइल फोटो (साभार - टीवी टुडे नेटवर्क)
भोपाल:
व्यापमं घोटाले में नाम आने के बाद संदिग्ध अवस्था में नम्रता दामोर की मौत हो गई थी और आजतक के पत्रकार अक्षय सिंह शनिवार को उसी नम्रता के माता-पिता का इंटरव्यू लेने उनके घर गए थे। लेकिन आधे घंटे बाद ही अक्षय सिंह की भी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।
रविवार को 38 वर्षीय अक्षय का दिल्ली में अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके अंतिम संस्कार में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी पहुंचे। बीजेपी नेता और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होना जरूरी है।
नम्रता के पिता पत्रकार अक्षय सिंह के अंतिम एक घंटे में उनके साथ थे। उन्होंने बताया कि अक्षय दोपहर करीब 1 बजे उनके घर पर आए। नम्रता पर आरोप लगा था कि उन्होंने 2010 में पीएमटी की परीक्षा फर्जी तरीके से पास की थी। 2012 में उज्जैन में रेलवे पटरी के पास नम्रता की लाश संदिग्ध अवस्था में मिली थी।
नम्रता के पिता ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, 'अक्षय मेरी बेटी के बारे में बात करना चाहते थे और कुछ फाइलों की जांच करना चाहते थे। वो कुछ कागजात की फोटोकॉपी करके अपने पास भी रखना चाहते थे।' दरअसल अक्षय जिन कागजात की जांच करना चाहते थे ये वही कागजात थे, जो नम्रता के परिवार ने उसकी मौत के मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए कोर्ट में दिए थे। नम्रता के पिता ने बताया, 'चश्मदीदों के अनुसार नम्रता को मारने के बाद रेलवे ट्रैक के पास फेंका गया था।'
उन्होंने बताया 'जब अक्षय हमारे पास आए तो वह बिल्कुल सही सलामत थे, उन्होंने शांति से बात की। लेकिन जब वे कमरे में बैठे तो उनके मुंह के अचानक झाग निकलने लगा। हम लोग उन्हें लेकर अस्पताल की ओर दौड़े।' उन्होंने बताया कि वे लोग अक्षय को तीन अस्पतालों में ले गए, लेकिन कोई भी उन्हें बचा नहीं पाया।
सिविल अस्पताल के डॉक्टर कैलाश पाटिदार के कहना है कि हो सकता है उन्हें हार्ट अटैक आया हो। लेकिन अक्षय के परिवार ने इस तरह की आशंका को सिरे से खारिज किया है और बताया कि अक्षय को इस तरह की कोई समस्या नहीं थी।
रविवार को 38 वर्षीय अक्षय का दिल्ली में अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके अंतिम संस्कार में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी पहुंचे। बीजेपी नेता और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होना जरूरी है।
नम्रता के पिता पत्रकार अक्षय सिंह के अंतिम एक घंटे में उनके साथ थे। उन्होंने बताया कि अक्षय दोपहर करीब 1 बजे उनके घर पर आए। नम्रता पर आरोप लगा था कि उन्होंने 2010 में पीएमटी की परीक्षा फर्जी तरीके से पास की थी। 2012 में उज्जैन में रेलवे पटरी के पास नम्रता की लाश संदिग्ध अवस्था में मिली थी।
नम्रता के पिता ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, 'अक्षय मेरी बेटी के बारे में बात करना चाहते थे और कुछ फाइलों की जांच करना चाहते थे। वो कुछ कागजात की फोटोकॉपी करके अपने पास भी रखना चाहते थे।' दरअसल अक्षय जिन कागजात की जांच करना चाहते थे ये वही कागजात थे, जो नम्रता के परिवार ने उसकी मौत के मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए कोर्ट में दिए थे। नम्रता के पिता ने बताया, 'चश्मदीदों के अनुसार नम्रता को मारने के बाद रेलवे ट्रैक के पास फेंका गया था।'
उन्होंने बताया 'जब अक्षय हमारे पास आए तो वह बिल्कुल सही सलामत थे, उन्होंने शांति से बात की। लेकिन जब वे कमरे में बैठे तो उनके मुंह के अचानक झाग निकलने लगा। हम लोग उन्हें लेकर अस्पताल की ओर दौड़े।' उन्होंने बताया कि वे लोग अक्षय को तीन अस्पतालों में ले गए, लेकिन कोई भी उन्हें बचा नहीं पाया।
सिविल अस्पताल के डॉक्टर कैलाश पाटिदार के कहना है कि हो सकता है उन्हें हार्ट अटैक आया हो। लेकिन अक्षय के परिवार ने इस तरह की आशंका को सिरे से खारिज किया है और बताया कि अक्षय को इस तरह की कोई समस्या नहीं थी।
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