सीबीआई ने एमबीबीएस छात्रा नम्रता दामोर की संदिग्ध मौत के मामले में बृहस्पतिवार को मामले को बंद करने की रिपोर्ट दाखिल कर दी. व्यापमं घोटाले में नाम सामने आने के बाद दामोर का शव 2012 में उज्जैन में रेलवे लाइन के पास मिला था. अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने इंदौर में विशेष अदालत के समक्ष रिपोर्ट दाखिल की है. सीबीआई ने 2017 में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने के साथ दावा किया था कि दामोर ने खुदकुशी की थी जिसे पिछले साल जुलाई में अदालत ने खारिज कर दिया था. यह रिपोर्ट दामोर के फोन के टावर के लोकेशन, गवाहों के बयान आदि पर आधारित थी लेकिन अदालत ने इसमें कई खामियां गिनाते आगे जांच करने को कहा था.
दामोर की मौत के मामले में दो अलग-अलग पैनलों द्वारा दी गयी अंत्यपरीक्षण रिपोर्ट में विरोधाभासी तथ्य सामने आए थे. एक पैनल ने गैर इरादतन हत्या का संकेत दिया था तो दूसरे पैनल ने खुदकुशी की आशंका जतायी थी. शुरुआत में हत्या का मामला दर्ज करने वाली मध्यप्रदेश पुलिस ने अंत्यपरीक्षण की दूसरी रिपोर्ट के तथ्यों के आधार पर इसे बंद कर दिया था.
दामोर का शव उज्जैन में क्याथा थाना अंतर्गत रेलवे पटरी के पास मिला था. दामोर के पिता के साक्षात्कार के बाद झाबुआ जिले के मेघनगर शहर में टीवी पत्रकार अक्षय सिंह की अचानक मौत के बाद मामला फिर से सुर्खियों में आ गया था. दामोर इंदौर में सरकारी एमजीएम मेडिकल कॉलेज में पढ़ती थी और ऐसी आशंका थी कि उसने व्यापमं घोटाले में संलिप्त गिरोह की मदद से दाखिला लिया था.
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