नई दिल्ली:
दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को भाजपा सांसद एवं वर्ष 2008 के ‘नोट के बदले वोट’ घोटाले के अभियुक्त फग्गन सिंह कुलस्ते की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा।
राज्यसभा सदस्य कुलस्ते ने याचिका में मामले के ‘वास्तविक लाभार्थियों’ का पता लगाने के लिए जांच की मांग की है, हालांकि दिल्ली पुलिस ने कहा है कि कुलस्ते के कहने पर अब कोई जांच नहीं की जा सकती है।
विशेष न्यायाधीश संगीता ढींगरा सहगल ने इस मामले में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के खिलाफ जांच कराने की मांग संबंधी कुलस्ते की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा।
कुलस्ते ने खुद को एवं मामले के सह-अभियुक्त को भांडाफोड़ करने वाला बताया और अदालत से कहा कि दिल्ली पुलिस ने इस मामले में अपनी जांच को ‘सुखद अंत’ दे दिया, क्योंकि ‘उसने भांडाफोड़ करने वालों के खिलाफ जांच की, जबकि वास्तविक लाभार्थी मुक्त हैं।’ उनके वकील अनिल सोनी ने कहा, ‘दिल्ली पुलिस ने धन के पूरे लेन-देन या वास्तविक लाभार्थियों का पता लगाए बिना ही आगे की जांच बंद कर दी और अपने लोक कर्तव्य में असफल रही।’
राज्यसभा सदस्य कुलस्ते ने याचिका में मामले के ‘वास्तविक लाभार्थियों’ का पता लगाने के लिए जांच की मांग की है, हालांकि दिल्ली पुलिस ने कहा है कि कुलस्ते के कहने पर अब कोई जांच नहीं की जा सकती है।
विशेष न्यायाधीश संगीता ढींगरा सहगल ने इस मामले में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के खिलाफ जांच कराने की मांग संबंधी कुलस्ते की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा।
कुलस्ते ने खुद को एवं मामले के सह-अभियुक्त को भांडाफोड़ करने वाला बताया और अदालत से कहा कि दिल्ली पुलिस ने इस मामले में अपनी जांच को ‘सुखद अंत’ दे दिया, क्योंकि ‘उसने भांडाफोड़ करने वालों के खिलाफ जांच की, जबकि वास्तविक लाभार्थी मुक्त हैं।’ उनके वकील अनिल सोनी ने कहा, ‘दिल्ली पुलिस ने धन के पूरे लेन-देन या वास्तविक लाभार्थियों का पता लगाए बिना ही आगे की जांच बंद कर दी और अपने लोक कर्तव्य में असफल रही।’
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