अहमदाबाद:
गुजरात में 20 साल से सत्ता से दूर कांग्रेस बिखरती नजर आ रही है और इन चुनावों में नरेंद्र मोदी के हाथों मिली तीसरी बार हार के बाद सबसे बड़ा झटका तब लगा है जब उनके पूर्व सांसद और विधायक विट्ठल रडाडिया अपने बेटे समेत भाजपा में शामिल हो गए।
हालांकि यह पहले से तय था क्योंकि करीब 10 दिन पहले ही रडाडिया ने और उनके विधायक बेटे जयेश रडाडिया ने कांग्रेस के विधायक के तौर पर इस्तीफा दे दिया था। साथ ही उन्होंने साफ कर दिया था कि वे भाजपा में शामिल होंगे।
लेकिन शुक्रवार को जब दोनों भाजपा में शामिल हुए तो दोनों ने कांग्रेस पर अपनी पूरी भड़ास भी निकाली। खास बात यह है कि पूर्व में भाजपा के अहम अंग रहे रडाडिया, शंकर सिंह वाघेला के साथ कांग्रेस में चले गए थे। गौरतलब है कि चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष नरहरि अमीन भाजपा में चले गए थे जिसकी वजह से कांग्रेस के सामने तमाम दिक्कतें आई थीं।
पिछले ही महीने कांग्रेस को छोड़ने वाले रडाडिया को बीजेपी में लिए जाने की ख़बर पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने उपहासपूर्ण स्वर में कहा कि कुछ ही वक्त पहले तक बीजेपी वाले रडाडिया को 'गैंगस्टर' कह रहे थे, इसलिए मुझे बीजेपी पर हंसी आ रही है।
दरअसल, बताया जाता है कि अपनी छवि को लेकर बेहद सतर्क रहने वाले नरेंद्र मोदी भी रडाडिया को पार्टी में शामिल करने के लिए सिर्फ राजनैतिक कारणों से राजी हुए हैं। रडाडिया सौराष्ट्र इलाके के कद्दावर पटेल नेता हैं, और उनके साथ उनके विधायक पुत्र जयेश सहित सैकड़ों समर्थकों के बीजेपी के साथ आ जाने की उम्मीद है।
वर्ष 2012 के अंत में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में रडाडिया उन चुनिंदा कांग्रेसी नेताओं में शामिल थे, जो मोदी की लहर के बावजूद पूरे दमखम के साथ जीते थे, वह भी लोकसभा सीट से इस्तीफा देकर लड़ने के बाद।
दरअसल, बताया जाता है कि रडाडिया विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी विधायक दल के नेता बनाए जाने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने शंकर सिंह वाघेला को ही जब वह पद सौंपा, तो रडाडिया नाराज़ हो गए, और पार्टी छोड़कर 'नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाओ' के नारे लगाते हुए बीजेपी में शामिल होने चले आए।
उल्लेखनीय है कि पिछले ही साल रडाडिया उस समय विवादों के घेरे में आ गए थे, जब वडोदरा जिले के करजान में टोल प्लाजा पर उनसे पहचान पत्र दिखाने के लिए कहे जाने पर उन्होंने बंदूक निकालकर धमकाना शुरू कर दिया था।
हालांकि यह पहले से तय था क्योंकि करीब 10 दिन पहले ही रडाडिया ने और उनके विधायक बेटे जयेश रडाडिया ने कांग्रेस के विधायक के तौर पर इस्तीफा दे दिया था। साथ ही उन्होंने साफ कर दिया था कि वे भाजपा में शामिल होंगे।
लेकिन शुक्रवार को जब दोनों भाजपा में शामिल हुए तो दोनों ने कांग्रेस पर अपनी पूरी भड़ास भी निकाली। खास बात यह है कि पूर्व में भाजपा के अहम अंग रहे रडाडिया, शंकर सिंह वाघेला के साथ कांग्रेस में चले गए थे। गौरतलब है कि चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष नरहरि अमीन भाजपा में चले गए थे जिसकी वजह से कांग्रेस के सामने तमाम दिक्कतें आई थीं।
पिछले ही महीने कांग्रेस को छोड़ने वाले रडाडिया को बीजेपी में लिए जाने की ख़बर पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने उपहासपूर्ण स्वर में कहा कि कुछ ही वक्त पहले तक बीजेपी वाले रडाडिया को 'गैंगस्टर' कह रहे थे, इसलिए मुझे बीजेपी पर हंसी आ रही है।
दरअसल, बताया जाता है कि अपनी छवि को लेकर बेहद सतर्क रहने वाले नरेंद्र मोदी भी रडाडिया को पार्टी में शामिल करने के लिए सिर्फ राजनैतिक कारणों से राजी हुए हैं। रडाडिया सौराष्ट्र इलाके के कद्दावर पटेल नेता हैं, और उनके साथ उनके विधायक पुत्र जयेश सहित सैकड़ों समर्थकों के बीजेपी के साथ आ जाने की उम्मीद है।
वर्ष 2012 के अंत में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में रडाडिया उन चुनिंदा कांग्रेसी नेताओं में शामिल थे, जो मोदी की लहर के बावजूद पूरे दमखम के साथ जीते थे, वह भी लोकसभा सीट से इस्तीफा देकर लड़ने के बाद।
दरअसल, बताया जाता है कि रडाडिया विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी विधायक दल के नेता बनाए जाने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने शंकर सिंह वाघेला को ही जब वह पद सौंपा, तो रडाडिया नाराज़ हो गए, और पार्टी छोड़कर 'नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाओ' के नारे लगाते हुए बीजेपी में शामिल होने चले आए।
उल्लेखनीय है कि पिछले ही साल रडाडिया उस समय विवादों के घेरे में आ गए थे, जब वडोदरा जिले के करजान में टोल प्लाजा पर उनसे पहचान पत्र दिखाने के लिए कहे जाने पर उन्होंने बंदूक निकालकर धमकाना शुरू कर दिया था।
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