भारत दुनिया का सबसे जीवंत लोकतंत्र, इसकी छवि खराब नहीं की जानी चाहिए: उपराष्ट्रपति

धनखड़ ने दावा किया कि अमेरिका सहित कुछ बाहरी विश्वविद्यालयों से इस तरह के झूठे विमर्श पैदा किए जा रहे हैं, जहां कुछ भारतीय छात्र और संकाय अपने ही देश की आलोचना करते हैं.

भारत दुनिया का सबसे जीवंत लोकतंत्र, इसकी छवि खराब नहीं की जानी चाहिए: उपराष्ट्रपति

डिब्रूगढ़/इंफाल:

तीन मई (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कहा कि भारत दुनिया का सबसे जीवंत लोकतंत्र है और किसी को इसकी छवि खराब करने की अनुमति नहीं दी जा सकती. धनखड़ ने यहां डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के 21वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ लोग यह झूठी बात फैलाकर देश के बाहर उसकी लोकतांत्रिक छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं कि भारत में लोगों को उनके अधिकार प्राप्त नहीं हैं. उन्होंने किसी का नाम लिये बिना कहा, ‘‘जब सब कुछ ठीक चल रहा है, तो किसी को हमारे लोकतंत्र को बदनाम क्यों करना चाहिए? देश के बाहर और अंदर यह बात क्यों करनी चाहिए कि हमारे लोकतांत्रिक मूल्य नहीं हैं? मैं पूरे विश्वास से कह सकता हूं कि भारत आज धरती पर सबसे जीवंत लोकतंत्र है.''

उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि उन्हें कोई रास्ता निकालना चाहिए ताकि देश के बारे में ‘‘नुकसानदेह और नापाक मंसूबे वाली सोच को जड़ से खत्म कर दिया जाए.''उपराष्ट्रपति ने छात्रों, युवाओं, बुद्धिजीवियों और मीडिया से ‘देश के राजदूत' के रूप में काम करने की अपील की.उन्होंने कहा कि इस तरह के विमर्श का कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है और ‘‘हम उन लोगों का समर्थन नहीं कर सकते जो देश के अंदर और बाहर हमारी विकास यात्रा और लोकतांत्रिक मूल्यों को दागदार कर रहे हैं.''

धनखड़ ने दावा किया कि अमेरिका सहित कुछ बाहरी विश्वविद्यालयों से इस तरह के झूठे विमर्श पैदा किए जा रहे हैं, जहां कुछ भारतीय छात्र और संकाय अपने ही देश की आलोचना करते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘आपको कुछ ऐसे नेता मिल जाएंगे जो दुनिया भर में घूमकर अपने देश की आलोचना करेंगे...लेकिन यह भारत की संस्कृति नहीं है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जब विपक्ष में थे तब तत्कालीन प्रधानमंत्री पी वी नरसिंह राव ने उन्हें देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना था. यह हमारी संस्कृति है और हमें अपनी मातृभूमि में विश्वास करना होगा और अपने राष्ट्रवाद की महानता को स्वीकार करना होगा.''

हालांकि, धनखड़ ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर विदेश में अपने भाषणों में सरकार की आलोचना करने को लेकर इसी तरह के आरोप लगाए थे. उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि संसद संवाद, चर्चा और विचार-विमर्श के लिए है और अवरोध तथा हंगामे की जगह नहीं है. उन्होंने सवाल किया, ‘‘हम एक राजनीतिक साधन के रूप में व्यवधान और गड़बड़ी को कैसे हथियार बना सकते हैं? हम इस पवित्र मंच को कैसे दूषित होने दे सकते हैं?''

उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है और अब निवेश के लिए एक पसंदीदा स्थान है. उन्होंने कहा, ‘‘हम अब पांचवीं सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था हैं और वास्तव में गर्व की बात यह है कि हमने अपने पूर्व औपनिवेशिक आकाओं को पीछे छोड़ दिया. हम मौजूदा दशक के अंत तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद करते हैं.''उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि वर्ष 2014 भारत के राजनीतिक इतिहास में एक मील का पत्‍थर था जहां देश का विश्‍व भर में मान बढ़ा.

उन्होंने धनमंजुरी विश्वविद्यालय, मणिपुर में एक अन्य कार्यक्रम में कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में बुनियादी ढांचे में तेजी से सुधार हो रहा है. उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर की संस्कृति, विविधता, नृत्य और प्राकृतिक वनस्पति दुनिया में अद्वितीय हैं.उपराष्ट्रपति ने कहा कि छात्रों को न केवल बड़े सपने देखने चाहिए बल्कि उन्हें वास्तविकता बनाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए तथा उन्हें विकास के अवसरों का उपयोग करना चाहिए और नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी सृजक बनना चाहिए.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)