उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बृहस्पतिवार को कहा कि पहले सत्ता के गलियारे सत्ता के ‘दलालों' से भरे हुए थे जो देश की नीतियों और फैसलों को प्रभावित करते थे लेकिन अब ये दलाल गायब हो गए हैं और शासन पारदर्शी हो गया है.धनखड़ ने यहां कंपनी सचिवों के 51वें राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अब शासन को पारदर्शी और जवाबदेह बनाया गया है, जिसने हमारी विकास यात्रा को गति दी है और भारत इस मुकाम तक पहुंचा है.
देश में कानून व्यवस्था का जिक्र करते हुए धनखड़ ने कहा, ‘‘आज कानून का राज है, कोई भी व्यक्ति कानून के ऊपर नहीं हो सकता चाहे वह कितना भी बड़ा क्यों न हो. हम अमृत काल में हैं. प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता के कारण यह अमृत काल अब गौरव काल बन चुका है. आपने भारत के लिए दुनिया में इतना सम्मान पहले कभी नहीं देखा होगा जितना आज है.''
उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘एक दशक पहले भारत को दुनिया की पांच सबसे कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता था और वहां से लेकर 2022 तक हमने जो यात्रा तय की, वह देखने लायक है. 2022 में वह गर्व का क्षण आया जब भारत दुनिया की पांचवीं सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था बनकर उभरा और भारत 2030 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के रास्ते पर है.''
उन्होंने युवाओं की प्रतिभा की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘‘हम भारतीय तेज दिमाग वाले होते हैं और हम बहुत जल्दी सीखते हैं. हमें कोई सिखाएं या ना सिखाएं, हम सीख लेते हैं. हर भारतीय में एक एकलव्य है.'' धनखड़ ने कहा कि भारत ने दुनिया की सबसे ज्यादा सुधारात्मक कर प्रणाली जीएसटी (माल एवं सेवा कर) हमारे देश में लागू की और उसके अभूतपूर्व फायदे आज देश देख रहा है.उन्होंने कहा, ‘‘तकनीकी क्षेत्र में हम क्वांटम कंप्यूटिंग की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. ऐसे देश दुनिया में बहुत कम हैं जो इस दिशा में काम कर रहे हैं. ये बड़ी उपलब्धियां हैं हमें इन पर गर्व करना चाहिए.''
इस अवसर पर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, राज्य मंत्री रवीन्द्र जायसवाल, संस्थान के सचिव डा. मनोज गोयल, संस्थान के निदेशक मनीष गुप्ता, संस्थान के अध्यक्ष आशीष मोहन सहित अन्य लोग उपस्थित थे.
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