विज्ञापन
This Article is From Sep 16, 2016

गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी की गैरमौजूदगी को उपराष्ट्रपति अंसारी ने नहीं दी तवज्जो

गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी की गैरमौजूदगी को उपराष्ट्रपति अंसारी ने नहीं दी तवज्जो
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गैरमौजूदगी को तवज्जो नहीं देते हुए उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा है कि भारत की विदेश नीति में कोई बदलाव नहीं आया है. उन्होंने कहा कि यह ‘‘प्रधानमंत्रियों का सम्मेलन नहीं’’ है और जो बात मायने रखती है, वह यह है कि भागीदारी की जाए.

वेनेजुएला के मार्गरिटा द्वीप पर आयोजित हो रहे इस शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की गैरमौजूदगी में उपराष्ट्रपति अंसारी गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन का नेतृत्व कर रहे हैं. मोदी दूसरे ऐसे भारतीय प्रधानमंत्री हैं जो इस सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे. इससे पहले 1979 में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने इस शिखर सम्मेलन में शिरकत नहीं की थी.

17वें गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री के शामिल नहीं होने से भारत किस तरह का संदेश भेज रहा है, इस संबंध में पूछे जाने पर अंसारी ने कहा, ‘‘भारत इसमें हिस्सा ले रहा है. गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन प्रधानमंत्रियों का सम्मेलन नहीं है.

उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री इनमें हिस्सा लेने के लिए जाते रहे हैं लेकिन ऐसे भी मौके आए हैं जब विभिन्न कारणों से प्रधानमंत्री वहां जाने में असमर्थ रहे हैं हालांकि भारत की भागीदारी बनी हुई है.’’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शिखर सम्मेलन में भारत आतंकवाद के बारे में अपनी चिंताओं को मजबूती से उठाएगा क्योंकि वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मसले पर अपनी बात रखता रहा है.

गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जा रहे अंसारी ने विशेष विमान में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हां, हम हर मंच पर ऐसा (आतंकवाद पर चिंताओं को उठाने का काम) कर रहे हैं और निश्चित रूप से यह (गुटनिरपेक्ष आंदोलन) एक महत्वपूर्ण मंच है और हम वहां भी इस मसले को उठाएंगे, इस बारे में कोई शंका नहीं है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद ऐसा मसला है जो हर काम में बाधा उत्पन्न करता है. अगर हमारा लक्ष्य विकास है तो आतंकवाद इसमें बाधा उत्पन्न करता है. हमें शांति की जरूरत है, हमें सामाजिक शांति की आवश्यकता है, हमें अंतरराष्ट्रीय शांति की दरकार है. इन दोनों में ही आतंकवाद बाधा पहुंचा रहा है. आतंक का चाहे कोई रूप हो, वह आतंक ही है. यह आम नागरिकों को आतंकित कर रहा है और अगर आम लोग आतंकित होते हैं तो वे सामान्य काम में स्वयं को समर्पित नहीं कर सकते हैं, इनमें सबसे अहम विकास है.’’
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत-अमेरिका साझेदारी के मजबूत होने से भारत की विदेश नीति में बदलाव आया है और क्या गुटनिरपेक्ष आंदोलन कम महत्वपूर्ण हो गया है, इस पर अंसारी ने कहा कि ऐसा कोई बदलाव नहीं हुआ है.

अंसारी ने कहा, ‘‘1961 में एक प्रक्रिया थी. 1970, 1980 और 1990 के दशक में इस प्रक्रिया में बदलाव हुए. अब फिर इसे समायोजित किया जा रहा है लेकिन लक्ष्य में कोई बदलाव नहीं हुआ है. मुझे नहीं लगता कि हमने बदलाव (अपनी विदेश नीति में) किया है और मुझे नहीं लगता कि इस मामले में कड़ा रूख अपनाया जाना चाहिए, इसमें समय-समय पर जरूरत के अनुसार फेरबदल की गुंजाइश होनी चाहिए.’’ बहरहाल, उपराष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि गुट निरपेक्ष आंदोलन का क्रमिक विकास हो रहा है और समय के साथ इसे प्रासंगिक बनाने के लिए इसका अवश्य क्रमिक विकास जारी रहना चाहिए.

अंसारी ने कहा कि देशों के समूह जो अब बढ़कर 120 हो गए हैं, एकसाथ आए हैं क्योंकि यहां साझा चिंताएं और हित जुड़े हैं. अंसारी ने यह भी कहा कि बुनियादी उद्देश्य अभी भी वही हैं. उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों से गुटनिरपेक्ष आंदोलन का एजेंडा आंशिक रूप वही बना हुआ है, समय के साथ जरूरतों के मुताबिक आंशिक रूप से इसमें क्रमिक विकास हुआ है. लेकिन अभी कुछ चीजें जस की तस बनी हुई हैं. हर देश के एजेंडे में उसकी वही प्राथमिकता है, जो विकास है और विकास किसी की अवधारणा या फरमान के मुताबिक नहीं, बल्कि अपनी खुद की अवधारणा पर होता है.’’

भारत गुटनिरपेक्ष आंदोलन के संस्थापक सदस्यों में से एक है और इसने 1983 में नयी दिल्ली में सातवें गुटनिरपेक्ष आंदोलन शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी. आखिरी गुटनिरपेक्ष आंदोलन शिखर सम्मेलन की मेजबानी 2012 में ईरान ने की थी.

गुटनिरपेक्ष आंदोलन के सदस्य देशों में अफ्रीका से 53 देश, एशिया से 39 देश, लातिन अमेरिका एवं कैरेबिया से 26 और यूरोप से दो (बेलारूस, अजरबैजान) देश शामिल हैं. गुटनिरपेक्ष आंदोलन 55 वर्ष पहले उस वक्त अस्तित्व में आया था जब 25 विकासशील देशों के नेताओं ने 1961 में बेलग्रेड सम्मेलन में मुलाकात की थी.

तेल सम्पन्न देश वेनेजुएला में राजनीतिक एवं आर्थिक उथल-पुथल के बीच यह शिखर सम्मेलन आयोजित हो रहा है. गौरतलब है कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के मूल्य में गिरावट के कारण 2014 के मध्य से वेनेजुएला संकट में घिरा हुआ है, जिसके कारण देश के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो का समाजवादी मॉडल हाशिए पर आ गया है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
हामिद अंसारी, उपराष्ट्रपति, पीएम मोदी, नरेंद्र मोदी, गुटनिरपेक्ष सम्मेलन, NAM Summit, Hamid Ansari, PM Modi, Narendra Modi, Non-Aligned Movement, Vice President
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com