अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) 27 और 28 जुलाई को भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आएंगे. इस दौरान, दोनों पक्ष कोरोना वायरस महामारी और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे. अमेरिकी विदेश मंत्री का पद संभालने के बाद ब्लिंकन की यह पहली भारत यात्रा होगी. यह बाइडन प्रशासन की ओर से जारी उच्चस्तरीय बैठकों की श्रंख्ला का एक हिस्सा है. इससे पहले, मार्च में अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और अप्रैल में जलवायु परिवर्तन मामलों पर अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत जॉन कैरी ने भारत की यात्रा की थी.
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर मई 2021 में अमेरिका के दौरे पर गए थे. अमेरिका के विदेश मंत्री ब्लिंकन की यात्रा उसी के बाद हो रही है. इस दौरान, दोनों नेताओं ने ब्रिटेन में होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन और इटली में होने वाली जी 20 बैठक पर विस्तृत चर्चा भी की थी. ब्लिंकन की यात्रा उच्च स्तरीय द्विपक्षीय वार्ता को जारी रखने और भारत-अमेरिका वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने का एक अवसर है.
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक, विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘दोनों पक्ष मजबूत और बहुआयामी भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों और उन्हें और मजबूत करने की क्षमता की समीक्षा करेंगे.'' वह विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मुलाकात करेंगे.
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘चर्चा आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर केंद्रित होगी जिसमें कोविड-19 महामारी से उबरना, हिंद-प्रशांत क्षेत्र, अफगानिस्तान और संयुक्त राष्ट्र में सहयोग शामिल है.''
इस बीच वाशिंगटन से प्राप्त खबर के अनुसार अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि ब्लिंकन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि नई दिल्ली की अपनी यात्रा के अलावा, ब्लिंकन 26 से 29 जुलाई तक अपनी विदेश यात्रा के दौरान कुवैत शहर की भी यात्रा करेंगे. प्राइस ने कहा है कि उनकी आगामी यात्रा साझेदारी को मजबूत करने और उनकी साझा प्राथमिकताओं पर सहयोग को रेखांकित करने के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है.
प्राइस ने कहा, ‘‘नई दिल्ली में 28 जुलाई को, ब्लिंकन विदेश मंत्री एस जयशंकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे. इस दौरान कोविड-19 से निपटने के प्रयासों पर निरंतर सहयोग, हिंद-प्रशांत क्षेत्र, साझा क्षेत्रीय सुरक्षा हितों, साझा लोकतांत्रिक मूल्य और जलवायु संकट सहित कई मुद्दों पर चर्चा होगी.''
ऐसी भी जानकारी है कि दोनों पक्ष इस साल के अंत में वाशिंगटन में क्वाड समूह के नेताओं की एक बैठक आयोजित करने की संभावना पर भी चर्चा करेंगे. अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जे ऑस्टिन ने मार्च में नई दिल्ली की तीन दिवसीय यात्रा की थी.
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