केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो)
तिरुवनंतपुरम:
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे को लेकर कांग्रेस पर हमला तेज करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को साफ कहा कि यह थ्योरी कि इस कंपनी को यूपीए के शासनकाल के दौरान कालीसूची में डाला गया था और एनडीए सरकार ने इसे हटा दिया.. यह कपोल कल्पना है।
जेटली ने पूर्व रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी के उस बयान को चुनौती दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि यूपीए शासन के दौरान अगस्ता वेस्टलैंड फिनमेकेनिका को हेलीकॉप्टर सौदे में रिश्वत का मुद्दा सामने आने के बाद कालीसूची में डाल दिया गया था।
केरल में 16 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए का विजन डक्यूमेंट जारी करने के बाद वित्त मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, 'यह किसी की कपोल कल्पना है।' जेटली पूर्व रक्षा मंत्री भी रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अनुबंधन देने का निर्णय रिश्वत से प्रभावित था।
'हम घूस लेने वालों की पहचान कर रहे हैं'
वित्त मंत्री ने कहा, 'जिम्मेदारी उन लोगों की बनती है जिन्होंने निर्णय किया और यह निर्णय रिश्वत से प्रभावित था। यह तथ्य कि रिश्वत ली गई, इसमें कोई संशय नहीं है। इस मामले में लेन देन हुआ और घूस देने वाला दोषी ठहराया गया। हम उन लोगों की पहचान पता लगाने में संघर्ष कर रहे हैं कि घूस किसने ली।'
उन्होंने कहा कि स्पष्ट है कि घूस लेने वाले उन लोगों में हैं जिन्होंने अनुबंध देने को प्रभावित किया। अजनबियों को रिश्वत नहीं मिलती। जिन लोगों ने निर्णय प्रभावित किया, उन्हें रिश्वत मिली।
यदि सबूत है तो कार्रवाई करे मोदी सरकार
इस मुद्दे पर कांग्रेस नेतृत्व को निशाना बनाने के लिए बीजेपी पर पलटवार करते हुए पूर्व रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार को चुनौती दी कि यदि उसके पास कोई सबूत है तो 'रिश्वत देने वालों और लेने वालों' के खिलाफ 'सख्त' कार्रवाई करें।
एंटनी ने जोर देकर कहा कि जिस इतालवी अदालत ने हेलीकॉप्टर करार में रिश्वत देने के जुर्म में अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व अधिकारियों को दोषी ठहराया है, उसने किसी नाम का खुलासा नहीं किया। उन्होंने कहा, 'इटली की अदालत में हर चरण में हमारे वकीलों ने मुकदमे में पैरवी की।'
'सीबीआई-ईडी आपके पास हैं, देरी किस बात की'
उन्होंने पत्रकारों को बताया, 'उन्होंने सभी गवाहों से जिरह की। किसी भी चरण में नाम का खुलासा नहीं किया गया। मेरा सवाल है कि अब जब सीबीआई मौजूदा सरकार के मातहत है, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मौजूदा सरकार के मातहत है... यदि सबूत है तो फिर देरी क्यों?' इस मुद्दे पर बीजेपी की ओर से कांग्रेस पर किए जा रहे जोरदार हमलों के बारे में पूछे जाने पर एंटनी ने कहा, 'रिश्वत देने वालों और रिश्वत लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।'
'रिश्वत देने वाली कंपनी 'मेक इन इंडिया' अभियान का हिस्सा'
आगामी 16 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के प्रचार के सिलसिले में केरल में मौजूद एंटनी ने कहा, 'इतालवी अदालत ने रिश्वत देने वाले को दोषी करार दिया है। कृपया रिश्वत लेने वाले के खिलाफ कार्रवाई करें। सीबीआई, ईडी सब उनके पास है।'
कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य एंटनी ने कहा, 'रिश्वत देने वाली - कंपनी, एनडीए सरकार के 'मेक इन इंडिया' अभियान का हिस्सा है।' बीजेपी यूपीए-दो शासनकाल के दौरान हुए हेलीकॉप्टर करार पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य नेताओं पर निशाना साधती रही है।
कांग्रेस का आरोप है कि यह हेलीकॉप्टर करार में पार्टी नेतृत्व को बदनाम करने की साजिश है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
जेटली ने पूर्व रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी के उस बयान को चुनौती दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि यूपीए शासन के दौरान अगस्ता वेस्टलैंड फिनमेकेनिका को हेलीकॉप्टर सौदे में रिश्वत का मुद्दा सामने आने के बाद कालीसूची में डाल दिया गया था।
केरल में 16 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए का विजन डक्यूमेंट जारी करने के बाद वित्त मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, 'यह किसी की कपोल कल्पना है।' जेटली पूर्व रक्षा मंत्री भी रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अनुबंधन देने का निर्णय रिश्वत से प्रभावित था।
'हम घूस लेने वालों की पहचान कर रहे हैं'
वित्त मंत्री ने कहा, 'जिम्मेदारी उन लोगों की बनती है जिन्होंने निर्णय किया और यह निर्णय रिश्वत से प्रभावित था। यह तथ्य कि रिश्वत ली गई, इसमें कोई संशय नहीं है। इस मामले में लेन देन हुआ और घूस देने वाला दोषी ठहराया गया। हम उन लोगों की पहचान पता लगाने में संघर्ष कर रहे हैं कि घूस किसने ली।'
उन्होंने कहा कि स्पष्ट है कि घूस लेने वाले उन लोगों में हैं जिन्होंने अनुबंध देने को प्रभावित किया। अजनबियों को रिश्वत नहीं मिलती। जिन लोगों ने निर्णय प्रभावित किया, उन्हें रिश्वत मिली।
यदि सबूत है तो कार्रवाई करे मोदी सरकार
इस मुद्दे पर कांग्रेस नेतृत्व को निशाना बनाने के लिए बीजेपी पर पलटवार करते हुए पूर्व रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार को चुनौती दी कि यदि उसके पास कोई सबूत है तो 'रिश्वत देने वालों और लेने वालों' के खिलाफ 'सख्त' कार्रवाई करें।
एंटनी ने जोर देकर कहा कि जिस इतालवी अदालत ने हेलीकॉप्टर करार में रिश्वत देने के जुर्म में अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व अधिकारियों को दोषी ठहराया है, उसने किसी नाम का खुलासा नहीं किया। उन्होंने कहा, 'इटली की अदालत में हर चरण में हमारे वकीलों ने मुकदमे में पैरवी की।'
'सीबीआई-ईडी आपके पास हैं, देरी किस बात की'
उन्होंने पत्रकारों को बताया, 'उन्होंने सभी गवाहों से जिरह की। किसी भी चरण में नाम का खुलासा नहीं किया गया। मेरा सवाल है कि अब जब सीबीआई मौजूदा सरकार के मातहत है, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मौजूदा सरकार के मातहत है... यदि सबूत है तो फिर देरी क्यों?' इस मुद्दे पर बीजेपी की ओर से कांग्रेस पर किए जा रहे जोरदार हमलों के बारे में पूछे जाने पर एंटनी ने कहा, 'रिश्वत देने वालों और रिश्वत लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।'
'रिश्वत देने वाली कंपनी 'मेक इन इंडिया' अभियान का हिस्सा'
आगामी 16 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के प्रचार के सिलसिले में केरल में मौजूद एंटनी ने कहा, 'इतालवी अदालत ने रिश्वत देने वाले को दोषी करार दिया है। कृपया रिश्वत लेने वाले के खिलाफ कार्रवाई करें। सीबीआई, ईडी सब उनके पास है।'
कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य एंटनी ने कहा, 'रिश्वत देने वाली - कंपनी, एनडीए सरकार के 'मेक इन इंडिया' अभियान का हिस्सा है।' बीजेपी यूपीए-दो शासनकाल के दौरान हुए हेलीकॉप्टर करार पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य नेताओं पर निशाना साधती रही है।
कांग्रेस का आरोप है कि यह हेलीकॉप्टर करार में पार्टी नेतृत्व को बदनाम करने की साजिश है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं