पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादप ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि साल 2008 के विश्वासमत के दौरान संप्रग और राजग दोनों ने समर्थन करने के एवज में सांसदों को बड़ी धनराशि देने की पेशकश की थी।
पप्पू ने अपनी पुस्तक 'द्रोहकाल का पथिक' में लिखा कि उनकी इंडियन फेडेरल डेमोक्रेटिक पार्टी के तीन सांसदों को 2001 में तत्कालीन वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा की ओर से राजग में शामिल होने के लिए पैसा मिला था।
इस आशय का दावा पप्पू की पुस्तक में किया गया है जिसका विमोचन जाने माने समालोचक नामवर सिंह ने दिग्विजय सिंह, मुलायत सिंह यादव और रामविलास पासवान की उपस्थिति में किया।
इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए राज्यसभा में भाजपा के उपनेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'देश में सभी को बोलने का अधिकार है। क्या आप उन्हें (पप्पू को) गंभीरता से लेते हैं। उनके खिलाफ काफी मामले हैं। यशवंत सिन्हा इसे खारिज कर चुके हैं।'
इस बारे में पूछे जाने पर दिग्विजय सिंह ने कहा, 'वह यहां पर पुस्तक का विमोचन करने आए है, राजनीति करने नहीं।'
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