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This Article is From May 13, 2021

टीके उपलब्‍ध न होने पर क्‍या हमें खुद को फांसी पर लटका लेना चाहिए? : केंद्रीय मंत्री

टीके की किल्लत के सवालों पर केंद्रीय मंत्री ने सरकार की कार्रवाई योजना पर जोर दिया और कहा कि इसके निर्णय किसी भी राजनीतिक लाभ या किसी अन्य कारण से निर्देशित नहीं होते हैं.

टीके उपलब्‍ध न होने पर क्‍या हमें खुद को फांसी पर लटका लेना चाहिए? : केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा
बेंगलुरू:

केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा (DV Sadananda Gowda) ने जानना चाहा है कि क्या सरकार में बैठे लोगों को टीके के उत्पादन में नाकामी की वजह से खुद को फांसी पर लटका लेना चाहिए? गौड़ा ने गुरुवार को यहां पत्रकारों से कहा, 'अदालत ने अच्छी मंशा से कहा है कि देश में सबको टीका लगवाना चाहिए. मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि अगर अदालत कल कहती है कि आपको इतने (टीके) देने हैं और यह अगर न बन पाए, तो क्या हमें खुद को फांसी पर लटका लेना चाहिए?' टीके की किल्लत (Non-availability of vaccine) के सवालों पर केंद्रीय मंत्री ने सरकार की कार्रवाई योजना पर जोर दिया और कहा कि इसके निर्णय किसी भी राजनीतिक लाभ या किसी अन्य कारण से निर्देशित नहीं होते हैं.

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उन्‍होंने कहा कि सरकार अपना काम पूरी ईमानदारी और निष्ठा से करती आ रही है और उस दौरान कुछ कमियां सामने आई हैं. मंत्री ने जानना चाहा, 'व्यावहारिक रूप से, कुछ चीजें जो हमारे नियंत्रण से परे हैं, क्या हम उसका प्रबंधन कर सकते हैं?' उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ काम कर रही है कि एक या दो दिन में चीजें सुधरें और लोगों को टीका लगे.गौड़ा के साथ मौजूद भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने दावा किया कि अगर व्यवस्था समय पर नहीं की जाती तो चीज़ें बदतर हो सकती थीं.रवि ने कहा, 'यदि पहले से उचित व्यवस्था नहीं की गई होती तो मौतें 10 गुना या 100 गुना ज्यादा होतीं.' रवि ने कहा, 'लेकिन कोरोना वायरस के अकल्पनीय प्रसार के कारण हमारी तैयारी विफल रही.'

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अदालतों द्वारा कोरोना वायरस के मुद्दे पर सरकार की खिंचाई करने पर रवि ने कहा, 'न्यायाधीश सब कुछ जानने वाले नहीं होते हैं. हमारे पास जो कुछ भी उपलब्ध है, उसके आधार पर तकनीकी सलाहकार समिति यह सिफारिश करेगी कि कितना (टीकों का) वितरण किया जाना है. उनकी रिपोर्ट के आधार पर हम निर्णय करेंगे.' कर्नाटक में कोरोना वायरस के चिंताजनक हालात हैं और रोज़ाना 40-50 हजार मामले आ रहे हैं. इसी के साथ टीके की मांग भी कई गुना बढ़ गई है.राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार, राज्य की ओर से तीन करोड़ टीके खरीदने के लिए ऑर्डर दिया गया और दो टीका निर्माताओं को भुगतान भी कर दिया गया.बहरहाल, केवल सात लाख खुराक ही राज्य पहुंची.कई टीकाकरण केंद्रों के सामने लोग कतारबद्ध खड़े होते हैं लेकिन उन्हें वापस लौटना पड़ता है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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