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This Article is From Nov 12, 2020

लेह को जम्‍मू-कश्‍मीर का हिस्‍सा दिखाने के मामले में ट्विटर से 5 दिनों में मांगा गया जवाब

केंद्र सरकार ने लेह को जम्‍मू-कश्‍मीर का हिस्‍सा दिखाने के मामले में ट्विटर को पांच दिन में जवाब देने को कहा है.

लेह को जम्‍मू-कश्‍मीर का हिस्‍सा दिखाने के मामले में ट्विटर से 5 दिनों में मांगा गया जवाब
प्रतीकात्‍मक फोटो
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने लेह को जम्‍मू-कश्‍मीर का हिस्‍सा दिखाने के मामले में ट्विटर को पांच दिन में जवाब देने को कहा है. ट्विटर की ओर से हाल में लेह को यूटी लद्दाख के बजाय जम्‍मू-कश्‍मीर का हिस्‍सा बताया गया था, इस मामले में उससे सफाई मांगी गई है. गौरतलब है कि जम्‍मू-कश्‍मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद लद्दाख को केंद्र शासित क्षेत्र (UT) घोषित किया है.

सूत्रों ने बताया कि सरकार ने ट्विटर से पांच कार्यशील दिनों (five working days) में इस बारे में स्‍पष्‍टीकरण देने को कहा है कि उसने लेह को यूटी के बजाय जम्‍मू-कश्‍मीर के हिस्‍से के रूप में क्‍यों दिखाया. सूत्रों ने कहा कि यदि ट्विटर ने जवाब नहीं दिया या इससे स्‍पष्‍टीकरण संतोषजनक नहीं रहा तो सरकार के पास कई विकल्‍प हैं- यह सूचना तकनीकी अधिनियम (Information Technology Act) के अंतर्गत ट्विटर का access ब्‍लॉक कर सकती है और छह माह तक के जेल का प्रावधान का पुलिस दर्ज कराया जा सकता है. 

सूत्रों के अनुसार, जैक डोर्सी के स्‍वामित्‍व वाली माइक्रो ब्‍लॉगिग प्‍लेटफॉर्म को जारी नोटिस में सरकार ने कहा है कि लेह को जम्‍मू-कश्‍मीर का हिस्‍सा दिखाना ट्विटर की ओर से उस संप्रभु संसद की सत्‍ता को कम करने का इरादतन प्रयास था जिसने लद्दाख को यूटी और  लेह को इसका हैडक्‍वार्टर घोषित किया है. सरकार ने कहा, ट्विटर को बताना चाहिए कि मामले में वेबसाइट और इसके प्रतिनिधियों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई क्‍यों नहीं की जाए.

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