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This Article is From Feb 25, 2016

'जब संजू बाबा को देखकर वह रोने लगा और बोला...'

'जब संजू बाबा को देखकर वह रोने लगा और बोला...'
मुंबई:

संजय दत्त आखिरकार जेल से रिहा हो गए हैं। बाहर आने के बाद उन्होंने कहा कि 23 साल से उन्हें जिस आज़ादी का इंतज़ार था, वह आज़ादी आखिरकार उन्हें मिल गई। संजय के पास अवैध रूप से एके 56 और एक पिस्तौल मिली थी जो उन्होंने मुंबई बम धमाके के आरोपी अबू सलेम से हासिल की थी। इस मामले में उन्हें बार बार कोर्ट और जेल के चक्कर लगाने पड़े और आखिरकार 25 फरवरी 2016 का वह दिन आया जब संजय ने अपने हिस्से की सज़ा काटकर इस मामले से पूरी तरह आज़ादी पा ली।

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पढ़ें - संजय ने कहा 'मैं आतंकवादी नहीं हूं'
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वैसे संजू के लिए 1981 के 'रॉकी' से लेकर 2016 की इस 'फ्रीडम' का सफर काफी उतार चढ़ाव भरा रहा। उनकी बहन प्रिया दत्त अपने पापा की जिम्मेदार बेटी की तरह सामने आई लेकिन संजय के जीवन के ट्विस्ट कुछ ऐसे रहे कि जब लगता था कि अब गाड़ी पटरी पर आई तभी कुछ ऐसा हो जाता था कि दत्त फिर से गलत वजहों से अख़बार की सुर्खियों में आ जाते। संजय यह कहते आए हैं कि 'ईश्वर की उन पर ख़ास नज़र रही है। वह बार-बार मुसीबतों में पड़ते हैं लेकिन उससे बाहर भी निकल जाते हैं। ईश्वर हमेशा उनके साथ रहा है।'

'मैं नहीं रुका तो मर जाऊंगा..'
कॉलेज के दौरान संजय दत्त इस हद तक ड्रग्स के आदी हो गए थे कि इस आदत से छुटकारा पाने के लिए उन्हें अमेरिका के एक सुधार गृह में भेजना पड़ गया। लोकप्रिय शो 'रॉन्डेवु विद सिमी ग्रेवाल' से बातचीत में संजय ने अपने ड्रग एडिक्शन के बारे में विस्तार से बताया था। संजय बताते हैं 'एक दिन मैंने हेरोइन का सेवन किया और सोने चला गया। जब मेरी नींद खुली तो मुझे बहुत भूख लग रही थी, मैंने घर के नौकर से कुछ खाना लाने के लिए कहा। लेकिन वह मुझे देखते ही रोने लगा और उसने कहा 'बाबा आप दो दिन बाद उठे हैं।' मैं यह सुनकर चौंक गया। मैंने अपने आपको आईने में देखा। मेरे चेहरा मुरझा गया था और मुझे पता था कि अगर मैंने अब खुद को नहीं रोका तो मैं शायद मर जाऊंगा। मैंने पापा से कहा कि वह मुझे बचा लें। उन्होंने मुझे अमेरिका के एक सुधार गृह में भेजा।'

सुधार गृह से लौटने के बाद संजय ने 'रॉकी' से अपनी फिल्मी करियर की शुरूआत की और इसके बाद वह कई मुख्यधारा की फिल्मों में बतौर हीरो नज़र आए। उन्हें लोगों ने अलग-अलग अवतार में पसंद किया। 'सड़क' के रवि से लेकर 'खलनायक' के बल्लू और 'वास्तव' के रघु जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला। इस बीच उनकी पहली पत्नी रिचा की ब्रेन ट्यूमर से मृत्यु हो गई और दूसरी पत्नी रिया पिल्लई से भी उनका तलाक हो गया। उन्होंने तीसरी शादी मान्यता के साथ रचाई जो संजय के मुताबिक उनके जीवन का 'मज़बूत स्तंभ' बनकर खड़ी हुई हैं।

बॉलीवुड का चेहता 'मुन्नाभाई'
इस बीच संजय को कुछ ऐसी फिल्में भी मिलीं जिसने दर्शकों के बीच उनकी ऐसी तस्वीर खींची जिनके बलबूते वह आज भी कईयों के चहेते बने हुए हैं। बताया जाता है कि सुभाष घई ने खलनायक फिल्म  ख़ासतौर पर दत्त को ध्यान में रखकर बनाई थी। 'वास्तव' में भी एक 'बिगड़ैल' रघु के रोल में दर्शकों को संजय का अक्स नज़र आया और 'मुन्नाभाई' सीरीज़ ने तो जैसे संजय के करियर की नाव पार लगा दी। अनजाने में ही सही संजय ने इस फिल्म का हिस्सा बनकर हिंदी फिल्म इतिहास में अपना नाम दर्ज करवा लिया है। इसी सीरीज़ की तीसरी कड़ी में बार बार रोड़े आ रहे थे लेकिन अब जब संजय पूरी तरह रिहा हो गए हैं, तो राजकुमार हीरानी और उनकी टीम निश्चित ही संजय के साथ बहुत जल्द स्क्रिप्ट पर चर्चा करती नज़र आ सकती है। फिलहाल तो हम उम्मीद ही कर सकते हैं कि संजय अपनी इस आज़ादी में एक नए 'नायक' बनकर उभरें...

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