राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (फाइल फोटो)
किरनहार (पश्चिम बंगाल):
सरकारों को स्पष्ट संदेश देते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को कहा कि सहनशीलता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व जैसे सभ्यतागत मूल्यों को बनाए रखना चुने हुए नेताओं का काम है। राष्ट्रपति ने यह बयान ऐसे समय में दिया है कि जब अफवाह के आधार पर लोगों को पीट-पीटकर जान से मार डालने की घटनाओं सहित कई तरह की हिंसक वारदातें हुई हैं।
समृद्ध सभ्यतागत मूल्यों को बरकरार रखें
एक निजी न्यूज चैनल से बातचीत में राष्ट्रपति ने कहा, ‘मैं किसी समकालीन मुद्दे या ऐसी किसी भी चीज पर कोई संदेश नहीं देता। मेरा मानना है कि सिर्फ नेता ही हैं जो जिम्मेदार हैं और जिन्हें लोगों ने प्रशासन चलाने और सरकार बनाने के लिए चुना है।’ उन्होंने कहा, ‘प्रशासनिक एवं सरकारी गतिविधियां संचालित करना और भारतीय संस्कृति के समृद्ध सभ्यतागत मूल्यों को बरकरार रखना उन्हीं का काम है। हमने समृद्ध परंपराएं आत्मसात की हैं और इसी ने विभिन्न तत्वों को एक साथ जोड़कर रखा है।’
विभिन्न घटनाओँ के दौरान चौथी बार दी राय
उत्तर प्रदेश के दादरी में गोमांस खाने की अफवाह पर एक मुस्लिम शख्स की पीट-पीटकर की गई हत्या की घटना के बाद पिछले एक पखवाड़े में चौथी बार राष्ट्रपति ने अपनी राय जाहिर की है। दादरी कांड के बाद हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में महज अफवाह पर दो लोगों की हत्या की घटनाएं हो चुकी हैं। शिवसेना पाकिस्तान के मशहूर गजल गायक गुलाम अली का संगीत कार्यक्रम रद्द करा चुकी है, पूर्व भाजपा नेता सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर कालिख पोत चुकी है, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष शहरयार खान की बीसीसीआई के साथ बैठक का विरोध कर चुकी है और जम्मू-कश्मीर के विधायक इंजीनियर राशिद के चेहरे पर दिल्ली में कालिख पोतने की घटना हुई है।
राष्ट्रपति ने कहा कि विविधता पर गर्व करना, सहनशीलता को बढ़ावा देना, सह-अस्तित्व के प्रति सम्मान और मतभेदों को स्वीकार करना सभ्यतागत मूल्यों के अभिन्न पहलू हैं।
समृद्ध सभ्यतागत मूल्यों को बरकरार रखें
एक निजी न्यूज चैनल से बातचीत में राष्ट्रपति ने कहा, ‘मैं किसी समकालीन मुद्दे या ऐसी किसी भी चीज पर कोई संदेश नहीं देता। मेरा मानना है कि सिर्फ नेता ही हैं जो जिम्मेदार हैं और जिन्हें लोगों ने प्रशासन चलाने और सरकार बनाने के लिए चुना है।’ उन्होंने कहा, ‘प्रशासनिक एवं सरकारी गतिविधियां संचालित करना और भारतीय संस्कृति के समृद्ध सभ्यतागत मूल्यों को बरकरार रखना उन्हीं का काम है। हमने समृद्ध परंपराएं आत्मसात की हैं और इसी ने विभिन्न तत्वों को एक साथ जोड़कर रखा है।’
विभिन्न घटनाओँ के दौरान चौथी बार दी राय
उत्तर प्रदेश के दादरी में गोमांस खाने की अफवाह पर एक मुस्लिम शख्स की पीट-पीटकर की गई हत्या की घटना के बाद पिछले एक पखवाड़े में चौथी बार राष्ट्रपति ने अपनी राय जाहिर की है। दादरी कांड के बाद हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में महज अफवाह पर दो लोगों की हत्या की घटनाएं हो चुकी हैं। शिवसेना पाकिस्तान के मशहूर गजल गायक गुलाम अली का संगीत कार्यक्रम रद्द करा चुकी है, पूर्व भाजपा नेता सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर कालिख पोत चुकी है, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष शहरयार खान की बीसीसीआई के साथ बैठक का विरोध कर चुकी है और जम्मू-कश्मीर के विधायक इंजीनियर राशिद के चेहरे पर दिल्ली में कालिख पोतने की घटना हुई है।
राष्ट्रपति ने कहा कि विविधता पर गर्व करना, सहनशीलता को बढ़ावा देना, सह-अस्तित्व के प्रति सम्मान और मतभेदों को स्वीकार करना सभ्यतागत मूल्यों के अभिन्न पहलू हैं।
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