
ओडिशा का कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) इन दिनों खासा विवादों में है. इसके हॉस्टल के कमरे में एक नेपाली छात्रा की आत्महत्या के बाद कैंपस में जमकर बवाल हुआ. मामला तब और बढ़ गया जब KIIT पर नेपाली छात्रों के एक ग्रुप को कैंपस से जबरन बाहर निकालने का आरोप लगा. इसका वीडियो भी काफी वायरल हुआ, जो ओडिशा से लेकर नेपाल तक में चर्चा का विषय बन गया.
वायरल वीडियो में, एक प्रोफेसर, जिनकी पहचान मंजूषा पांडे के रूप में की गई है, को यह कहते हुए सुना गया, "हम 40,000 से अधिक छात्रों को मुफ्त में खाना खिला रहे हैं और पढ़ा रहे हैं." जयंती नाथ नाम की एक अन्य महिला कर्मचारी को नेपाल के छात्रों पर चिल्लाते हुए सुना गया, "यह आपके देश के बजट के बराबर है."
देखें वीडियो-
>Nepali girl commits S word
— Weil (@Jackyaarkyun) February 17, 2025
>Protests happening
>When asked, college authorities say they feed 40k students are fed for free and it's greater than Nepal's GDP😭😭@KIITUniversity is not a real institution pic.twitter.com/SQtZN6NWm2
वीडियो पर विवाद बढ़ा तो मांगी माफी
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद इन दोनों ने अपनी टिप्पणी पर माफी मांगने के लिए वीडियो जारी किया है. मंजूषा पांडे ने 16 फरवरी की रात वाले वीडियो पर कहा, "मैं बताना चाहती हूं कि मैंने जो भी बयान दिया है, वह मेरा है और इसका केआईआईटी विश्वविद्यालय से कोई लेना-देना नहीं है. विवाद बढ़ने पर यह अचानक गुस्से में निकल गया. अगर मेरे किसी बयान से मेरे किसी नेपाली छात्र या नेपाल के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं, तो मैं इसके लिए ईमानदारी से माफी मांगती हूं. "
माफी वाली VIDEO
Apologies for hurting any of the sentiments of my students,brothers and sisters of Nepal@MEAIndia@PM_nepal_@DrSJaishankar@PMOIndia@MofaNepal@IndiaInNepal@EONIndia pic.twitter.com/0ftMLawxJZ
— manjusha pandey (@MPandey40122) February 18, 2025
दूसरी मैडम ने भी माफी मांगी
वीडियो में दिख रही एक अन्य कर्मचारी जयंती नाथ ने भी माफी मांगी और कहा, "मेरा इरादा किसी को ठेस पहुंचाने या अपमानित करने का नहीं था. अगर मेरे शब्दों से किसी की भावना को अनजाने में ठेस पहुंची है तो मुझे गहरा खेद है. मैं इस बात पर जोर देना चाहती हूं कि मेरे शब्द विश्वविद्यालय या किसी फैकल्टी के विचार नहीं थे. जो कुछ भी हुआ, उसके लिए मैं बेहद दुखी हूं और माफी मांगती हूं.'' हालांकि, उन्होंने कहा कि ये टिप्पणियां कथित तौर पर भारत और केआईआईटी को "भ्रष्ट और गरीब" कहने वाली टिप्पणियों के जवाब में दी गई थीं. उन्होंने कहा, "मेरे शब्द विरोध प्रदर्शन के दौरान दिए गए बयानों के जवाब में थे, जहां मेरे देश और मेरी संस्था को भ्रष्ट और गरीब कहा गया था. उस तीखी नोकझोंक में, मेरा जवाब इन टिप्पणियों के खिलाफ बचाव के लिए था, न कि कहीं भी नेपाल या उसके लोगों को अपमानित करने के लिए."
Video में देखिए क्या कहा
@MEAIndia@PM_nepal_@DrSJaishankar@PMOIndia@MofaNepal@IndiaInNepal@EONIndia pic.twitter.com/zPsRL0wNm8
— Jayanti Nath (@JayantiNath6) February 18, 2025
KIIT ने भी माफी मांगी
KIIT ने भी एक सार्वजनिक बयान जारी कर माफी मांगी है. KIIT ने कहा कि उसने "बेहद गैर-जिम्मेदाराना" बयान देने वाले अपने दोनों अधिकारियों को सेवा से हटा दिया है. हालांकि, संस्थान ने अधिकारियों का नाम नहीं बताया. एक्स पर एक पोस्ट में कहा गया, "केआईआईटी हमेशा दुनिया भर के छात्रों के लिए एक घर रहा है, जो समावेशिता, सम्मान और देखभाल की संस्कृति को बढ़ावा देता है. हमें हाल की घटना पर गहरा अफसोस है और हमारे प्रिय नेपाली छात्रों सहित हमारे सभी छात्रों की सुरक्षा, सम्मान और कल्याण के लिए हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं."
कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी) में बीटेक (कंप्यूटर साइंस) तृतीय वर्ष की छात्रा प्रकृति लम्साल (20) ने रविवार दोपहर को छात्रावास के कमरे में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.
2 लोग गिरफ्तार, शव सौंपा गया
ओडिशा पुलिस ने मंगलवार को भुवनेश्वर के एम्स में पोस्टमार्टम के बाद नेपाली छात्रा का शव उसके पिता को सौंप दिया. साथ ही विधानसभा में भी यह मुद्दा उठाया गया. लड़की के पिता सुनील लम्साल अपने दोस्तों के साथ यहां पहुंचे और शव के पोस्टमार्टम के दौरान मौजूद रहे. सुनील ने बताया कि वे शव को नेपाल ले जाने की योजना बना रहे हैं. भुवनेश्वर के डीसीपी पिनाक मिश्रा ने कहा, “पुलिस ने दो मामले दर्ज किए हैं, एक लड़की के चचेरे भाई से मिली शिकायत के आधार पर, फांसी लगाकर आत्महत्या करने के संबंध में और दूसरा सोशल मीडिया वीडियो को लेकर, जिसमें निजी विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मी और कर्मचारी घटना पर विरोध प्रदर्शन करने वाले छात्रों के साथ दुर्व्यवहार व पिटाई करते दिख रहे हैं.” पुलिस ने रमाकांत नायक (45) और जोगेंद्र बेहरा (25) नामक दो सुरक्षा कर्मियों को भी गिरफ्तार कर लिया है. अधिकारियों ने दावा किया कि फुटेज में इन सुरक्षा कर्मियों को धरना देकर लड़की के लिए न्याय की मांग कर रहे छात्रों के साथ मारपीट करते हुए देखा गया.
उच्च स्तरीय जांच टीम का गठन
इस बीच, ओडिशा सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच टीम का गठन किया. टीम के अन्य सदस्य उच्च शिक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव हैं. उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यबंशी सूरज ने पत्रकारों से कहा, “संस्था को नोटिस के तहत रखा गया है, और उच्च स्तरीय टीम के निष्कर्षों के आधार पर उचित कानूनी व प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी.” उन्होंने कहा कि केआईआईटी अधिकारियों ने छात्रा की मौत और उसके बाद नेपाली छात्रों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में राज्य सरकार को सूचित नहीं किया था. उन्होंने दावा किया कि लगभग 100 नेपाली छात्र परिसर में हैं, 800 अपने घरों के लिए रवाना हो गए हैं.
विधानसभा से नेपाल तक हंगामा
इस बीच, यह मुद्दा राज्य विधानसभा में भी उठा, जहां सभी दलों के विधायकों ने छात्रा की मौत और उसके बाद पड़ोसी देश के छात्रों को छात्रावास से निकाले जाने की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की. सभी सदस्यों ने स्वीकार किया कि केआईआईटी में हुईं घटनाओं से राज्य की छवि खराब हुई है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. एक ओर, कांग्रेस ने छात्रा की मौत और छात्रों पर कथित अत्याचार से संबंधित मामले की न्यायिक जांच की मांग की, तो वहीं भाजपा सदस्यों ने केआईआईटी के संस्थापक अच्युता सामंत की गिरफ्तारी की मांग की. बीजू जनता दल (बीजद) ने कहा कि यह घटना भाजपा शासित ओडिशा में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति का परिणाम है. इस घटना के बाद नेपाल में भी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया, वहां के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने प्रभावित छात्रों को कुछ राहत देने की पेशकश की. अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली में नेपाल दूतावास के दो अधिकारी संस्थान का दौरा कर सकते हैं.
ओली ने सोमवार को 'फेसबुक' पर लिखा, 'मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए यह जानकारी मिली है कि ओडिशा के केआईआईटी विश्वविद्यालय के छात्रावास में एक नेपाली छात्रा की मौत हो गई है और नेपाली छात्रों को जबरन बाहर निकाला गया है. सरकार इस मामले को राजनयिक माध्यमों से देख रही है और संबंधित अधिकारियों के संपर्क में है.'
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