राजस्थान का संकट निपटाने को कांग्रेस ने गहलोत, पायलट के साथ बुलाई बैठक : 10 बड़ी बातें

सचिन पायलट का कहना है कि उनके पास 30 विधायक हैं, लेकिन कांग्रेस सूत्रों का दावा है कि उनके पास 16 से अधिक नहीं है.

राजस्थान का संकट निपटाने को कांग्रेस ने गहलोत, पायलट के साथ बुलाई बैठक : 10 बड़ी बातें

कांग्रेस ने गहलोत, पायलट के साथ बुलाई बैठक - फाइल फोटो

जयपुर: राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बागी रुख के बाद से उपजे सियायी संकट पर सोमवार को सीएम अशोक गहलोत ने अपने निवास पर विधायकों की बैठक बुलाई और उस बैठक के बाद उन्होंने मीडिया को विक्ट्री का साइन दिखाया. इसके बाद ही कांग्रेस पार्टी ने दावा किया राजस्थान में उसकी सरकार को कई खतरा नहीं है.अशोक गहलोत ने 106 विधायकों के समर्थन का दावा किया. जबकि सचिन पायलट ने इसका विरोध किया, उन्होंने  जोर देकर कहा कि कांग्रेस अपना बहुमत खो चुकी है.किसी भी तरह को जोखिम ना उठाते हुए कांग्रेस ने अपने विधायकों को बसों द्वारा रिसोर्ट में शिफ्ट कर दिया कर दिया और किसी भी तरह के तख्तापलट के प्रयासों से दूर कर दिया. कांग्रेस के कुछ नेता सचिन पायलट के पास भी पहुंचे, जो उन्हें किसी तरह मनाने की कोशिश में जुटे हैं. वहीं कांग्रेस ने सचिन पायलट और अशोक गहलोत के साथ बैठक बुलाई है.

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

  1. राजस्थान के सियासी संकट को हल करने के लिए दिल्ली से जयपुर भेजे कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला के सामने आज सीएम अशोक गहलोत ने शक्ति प्रदर्शन किया. गहलोत की इस बैठक से बागी रुख अपनाए हुए डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने दूरी बनाए रखी. कांग्रेस पार्टी द्वारा भेजे गए प्रतिनिधिमंडल ने आग्रह किया 'हमसे बात करें.' जयपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सचिन पायलट के पोस्टर फिर से लगा दिए जिन्हें सुबह शहर से उतार लिया गया था.

  2. सचिन पायलट का कहना है कि उनके पास 30 विधायक हैं, लेकिन कांग्रेस सूत्रों का दावा है कि उनके पास 16 से अधिक नहीं है. पार्टी को डर है कि अगर बीजेपी सक्रिय रूप से उपमुख्यमंत्री की मदद से अपनी सरकार को खींचने की कोशिश करेगी तो इसका संकट और बढ़ जाएगा.

  3. सचिन पायलट ने बीजेपी में शामिल होने के किसी भी कदम से इनकार किया है. उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि गहलोत के पास अब लगभग 95 विधायक हैं, 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा यह बहुमत के आंकड़े से 6 सीटें कम है.

  4. मार्च में महीने में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के करीबी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 22 विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल होकर मध्य प्रदेश में पार्टी को चौंका दिया, जिससे उस राज्य में कांग्रेस सरकार गिर गई और सिंधिया की मदद से बीजेपी सत्ता में लौट आई.

  5. ऐसा बताया जा रहा है कि लगभग उसी समय, सचिन पायलट जो कि राहुल गांधी के एक और विश्वासपात्र माने जाते हैं और राजस्थान के मुख्यमंत्री पद से वंचित होने के बाद से नाराज चल रहे थे, उन्होंने भी बीजेपी के साथ बातचीत शुरू कर दी थी.

  6. राजस्थान में कांग्रेस के दो शीर्ष नेताओं के बीच लगभग दो साल के झगड़े के बाद, राज्यसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार को अस्थिर करने के एक कथित प्रयास की जांच में पूछताछ के लिए सचिन पायलट को भेजे गए नोटिस के बाद यह लड़ाई सार्वजनिक हो गई. पुलिस का कहना है कि यह नोटिस इ शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए दो भाजपा सदस्यों के फोन पर बातचीत के आधार पर भेजा गया. 

  7. मुख्यमंत्री गहलोत ने स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप द्वारा सम्मन को ज्यादा महत्न नहीं दिया. उन्होंने कहा, यह मुझे भी मिला है. लेकि सचिन पायलट ने इसे सम्मान के साथ जोड़ते हुए नाराजगी जाहिर कर दी. सचिन के सहयोगियों ने बताया कि एसओजी के राज्य के गृह मंत्रालय के अंदर आता है जो कि गहलोत के पास है. इसलिए दिखावे के लिए उन्होंने खुद को भी सम्मन भिजवा दिया.

  8. 200 सदस्यों की राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के 107 विधायक हैं और 10 निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन है. अन्य दलों के पांच विधायक भी गहलोत के साथ हैं, जिनमें आरएलडी, सीपीएम और भारतीय ट्राइबल पार्टी शामिल है. गहलोत ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि वह विधायकों को पक्ष बदलने के लिए 15 करोड़ रु. का प्रस्ताव दे रही है.

  9. 9. राजस्थान में भाजपा के 73 विधायक हैं, सत्ता संभालने के लिए उसे 35 विधायकों का समर्थन चाहिए. बीजेपी के लिए सचिन पायलट को मुख्यमंत्री के पद की पेशकश करना क चुनौती होगी क्योंकि पार्टी को अपनी स्वयं की बड़ी नेता पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर विचार करना होगा.

  10. 10 जब गहलोत राजनीतिक रूप से आग उगल रहे थे, तब उनके दो सहयोगियों पर आज सुबह करदाताओं द्वारा छापा मारा गया था, जिसमें कांग्रेस ने भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार द्वारा दबाव की रणनीति का आरोप लगाया था. आयकर विभाग के अधिकारियों के अनुसार, "कर चोरी" के आरोपों को लेकर दोनों नेताओं से जुड़े पांच परिसरों पर छापे मारे गए, जो केंद्र के अंतर्गत आता है.

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