महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित जिले गढ़चिरौली में नक्सलियों ने टारगेट किलिंग को अंजाम देना शुरू कर दिया है. पिछले 15 दिन में अब तक तीन आदिवासियों पर पुलिस मुखबिर होने का आरोप लगाकर मौत के घाट उतार दिया. मारे गए तीनों व्यक्ति मंत्री के करीबी बताए जा रहे हैं. वहीं सरकार ने जिले में नक्सल विरोधी अभियान और तेज करने का दावा किया है. गढ़चिरौली जिले में नक्सली हत्या को अंजाम देने के बाद शव के पास पर्चे छोड़ जा रहे हैं. जिस पर लिखा होता है जनता के साथ रहें, सुधर जाएं वरना जनता माफ नही करेगी. खुद को भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी माओवादी का सदस्य बताने वाले नक्सली पिछले 15 दिनों में अब तक तीन आदिवासियों को मौत के घाट उतार चुके हैं.
पिछले 15 दिनों में तीन हत्या
पहले 15 नवंबर को भामरागढ़ तालुक के पेंगुंडा में दिनेश गावड़े की हत्या कर दी गई. उसके बाद 23 नवंबर को एटापल्ली तालुक के टिटोला के पुलिस पाटिल लालसू वेलदा की और फिर 24 नवंबर को अहेरी तालुक के कापेवांचा के रामजी आत्राम की हत्या कर दी गई.
सरकार ने नक्सलवाद को खत्म करने का किया ऐलान
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि सरकार नक्सलवाद को खत्म करने के लिए कटिबद्ध है और उनके खिलाफ अभियान और तेज कर दिया गया है. वहीं महाराष्ट्र सरकार के मंत्री धर्मरावबाबा आत्राम ने कहा है कि जो पुलिस पाटिल मारा गया वो भी मेरा आदमी था, जो गावड़े को मारा गया वो भी मेरा आदमी था, जो आत्राम था वो भी मेरा ही आदमी था. गृह विभाग ने इसमें ध्यान देना चाहिए और लोगों को संरक्षण देना चाहिए। संरक्षण देने की जिम्मेदारी सरकार की है। मुझे भी सुरक्षित रखना सरकार की जिम्मेदारी है क्योंकि मैं सरकार में हूं.
पुलिस ने क्या कहा?
पुलिस के अफसर इस मामले पर कैमरे पर बोलने से बच रहे हैं लेकिन उनका दावा है कि तोड़घट्टा में खनन विरोधी आंदोलन सफल नहीं हो पाने से नक्सली बौखला गए हैं.जिले में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए विशेष C 60 कमांडो यूनिट की स्थापना करने वाले महाराष्ट्र के पूर्व डीजी केपी रघुवंशी के मुताबिक नक्सली जब भी कमजोर होते हैं इसी तरह से लोगों की हत्या कर आम जनता में दहशत फैलाने की कोशिश करते हैं.
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