देश भर में भले ही कोविड वैक्सीन की बूस्टर डोज की कीमत कम करने का ऐलान सरकार औऱ कंपनियों की ओऱ से कर दिया गया हो, लेकिन तमिलनाडु में ऐसा नजर नहीं आ रहा है. तमिलनाडु के निजी अस्पतालों में रविवार को पहले दिन जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज ली, उन्हें पूरी कीमत चुकानी पड़ी. जबकि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड औऱ भारत बायोटेक की कोवैक्सीन ने प्रीकॉशन डोज की कीमत महज 225 रुपये सीमित कर दी है. जबकि कोविशील्ड की वैक्सीन की बाजार की कीमत 600 रुपये प्लस टैक्स औऱ कोवैक्सीन की 1200 रुपये प्लस टैक्स थी.
इन कंपनियों ने सरकार से विचार-विमर्श के बाद बूस्टर डोज का रेट कम कर दिया था. भारत में रविवार से ही 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए बूस्टर डोज का टीकाकरण शुरू हुआ है. तमिलनाडु के निजी अस्पतालों का कहना है कि उनके पास अभी वैक्सीन का काफी पुराना स्टाक पड़ा है और उन्हें पहले इसे खाली करना होगा. यही वजह रही कि चेन्नई और दूसरी जगह निजी अस्पतालों में पहले दिन बूस्टर डोज लगवाने का ज्यादा उत्साह नहीं देखा गया.
चेन्नई के कावेरी हास्पिटल में इमरजेंसी मेडिसिन की प्रमुख डॉ. अश्लेषा विजय सेठ ने कहा कि सरकार ने वैक्सीन की कीमत को लेकर एक सीमा तय की है और उम्मीद है कि सारे अस्पताल इसे मानेंगे. अगले कुछ दिनों में ऐसा हो जाएगा. चेन्नई के ज्यादातर अस्पतालों में रविवार को पहले दिन लोगों की बूस्टर डोज लगवाने को लेकर बेहद फीकी प्रतिक्रिया रही. दो बच्चों की तमिलसेल्वी ने पहले दिन बूस्टर डोज ली, उसने कहा कि वो काफी सुरक्षित महसूस कर रही हैं, लेकिन उनका पूरा परिवार ये बूस्टर डोज नहीं ले सकता. लिहाजा सरकार को इसे पूरी तरह निशुल्क करना चाहिए.
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