बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बुधवार को कहा कि माल एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था के चलते राज्यों के राजस्व की कमी की प्रतिपूर्ति के लिए मुआवजा देना केंद्र सरकार की नैतिक बाध्यता है. कोविड-19 संकट के चलते जीएसटी कर संग्रह में कमी आयी है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को राज्यों को मुआवजा देने के लिए वित्त पोषण के विकल्पों की तलाश करनी चाहिए. मोदी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘यह केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता है कि वह जीएसटी संग्रह में कमी के चलते राज्यों को मुआवजा दे. यह सही है कि केंद्र सरकार इसके लिए कानूनी तौर पर बाध्य नहीं है, लेकिन उसकी नैतिक बाध्यता है.''
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार या तो बाजार धन उठा सकती है या राज्यों की ऋण लेने पर गारंटर बन सकती है. जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक बृहस्पतिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से होनी है. सूत्रों ने बताया कि इस बार की बैठक का मुख्य एजेंडा राज्यों के राजस्व में कमी की प्रतिपूर्ति करना है. मोदी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में राज्यों को मुआवजे के तौर पर करीब 3.65 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना है. इसमें बिहार की हिस्सेदारी 12,000 करोड़ रुपये की है. उन्होंने कहा कि आम तौर पर राज्यों को जीएसटी व्यवस्था के तहत बनाए गए मुआवजा उपकर कोष से भुगतान किया जाता है. लेकिन अब इस कोष में भी बहुत कम राशि बची है.
सुशांत की आत्महत्या के मामले को CBI को अपने हाथ में ले लेना चाहिए: सुशील मोदी
VIDEO: सुशील मोदी ने वित्त मंत्री को लिखा, 'केंद्र प्रायोजित 66 योजनाओं का खर्च वहन करे केंद्र सरकार'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं