बिहार भाजपा (BJP) के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी (Sushil Modi) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिवानंद तिवारी के बीच इन दिनों वाकयुद्ध चल रहा है. लेकिन इस क्रम में सुशील मोदी ने बिना नाम लिए मुख्य मंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को भी चेता दिया कि पाँच मामलों में सजायाफ्ता और जिसका पूरा परिवार भ्रष्टाचार के मामले में बेल पर है उससे यदि कोई दोस्ती करना चाहेगा तो यह छोटा मामला कभी बाधक नहीं बन सकता है? हालांकि, उन्होंने कहा कि ये गलतफहमी दूर कर लें, अब कभी राजद-जदयू की दोस्ती नहीं हो सकती है?
राज्य सभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी जी ने कम से कम यह स्वीकार तो किया कि ललन सिंह जी के साथ मिलकर लालू जी के ‘नौकरी के बदले जमीन' घोटाले का उन्होंने ही पर्दाफाश किया था और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलकर सीबीआई जांच की मांग की थी. उन्होंने पहले यह भी स्वीकार किया था कि उनकी पीआईएल पर ही पटना हाईकोर्ट ने चारा घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश दिया ,जिसके पांच मामलों में लालू जी को सजा हो चुकी है.
मोदी ने कहा कि जहां तक 14 साल विलंब से कार्रवाई का सवाल है, तो उस समय राजद के समर्थन से मनमोहन सिंह जी की सरकार चल रही थी. प्रधानमंत्री की हिम्मत नहीं थी कि सहयोगी दल के नेता पर कार्यवाही करते. उन्होंने ज्ञापन को ठंडे बस्ते में ही नहीं डाला बल्कि लालू के लोगों ने ज्ञापन को ही फाइल से हटवा दिया.
सुशील मोदी ने कहा कि शिवानंद जी भूल गए कि मामला भले ही 14 वर्ष पुराना हो, परंतु 2017 में जब मैंने ‘नौकरी के बदले जमीन' सहित दर्जनों लालू परिवार के भ्रष्टाचार को सबूतों के साथ उजागर किया था तो आप की सरकार चली गई थी. सीबीआई ने प्रारंभिक जांच (Preleminary Inquiry) का मामला तो सितंबर 2021 में ही दर्ज कर लिया था.
अंत में मोदी ने कहा कि आज अगर लालू जी की दुर्दशा है तो वही लोग जिम्मेवार हैं, जिन्होंने पहले मुकदमा दायर किया, ज्ञापन दिया और अब राजनीतिक लाभ के लिए उनके सामने दुम हिला रहे हैं.
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