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This Article is From Sep 03, 2020

सुशांत सिंह राजपूत को लगता था वो कभी बाईपोलर डिसऑर्डर से बाहर नहीं निकल सकेंगे, बंद कर दी थी दवाएं : डॉक्टर

सुशांत राजपूत के आखिरी महीनों में उनका इलाज करने वाले दो मानसिक रोग विशेषज्ञों ने मुंबई पुलिस की पूछताछ में बताया था कि सुशांत गहरे डिप्रेशन, एंग्जाइटी और एग्ज़िस्टेंशियल क्राइसिस से गुजर रहे थे. उन्हें बाईपोलर डिसऑर्डर भी था. ये सबकुछ मुंबई पुलिस के रिकॉर्ड में दर्ज है.

मुंबई पुलिस की पूछताछ में सुशांत के डॉक्टरों ने दी थीं अहम जानकारियां.

मुंबई:

सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के आखिरी महीनों में उनका इलाज करने वाले दो मानसिक रोग विशेषज्ञों ने मुंबई पुलिस की पूछताछ में बताया था कि सुशांत गहरे डिप्रेशन (Severe Depression), एंग्जाइटी और एग्ज़िस्टेंशियल क्राइसिस से गुजर रहे थे. उन्हें बाईपोलर डिसऑर्डर भी था. ये सबकुछ मुंबई पुलिस (Mumbai Police) के रिकॉर्ड में दर्ज है. इन दोनों डॉक्टरों ने बताया है कि सुशांत ने अपनी दवाइयां लेनी बंद कर दी थीं, जिससे उनकी हालत और खराब हो गई थी और उनका इलाज करना बहुत मुश्किल हो गया था.

डॉक्टरों के बयान में कहा गया है कि 'सुशांत को कभी-कभी एक मिनट भी कई दिनों के बराबर लगता था'. सीबीआई की जांच में मुंबई पुलिस के रिकॉर्ड भी शामिल किए गए हैं. इन बयानों से यह भी सामने आया है कि सुशांत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty)- जो मामले में सुशांत के परिवार की ओर से लगाए गए आरोपों के चलते कई एजेंसियों की जांच का सामना कर रही हैं- सुशांत की मानसिक सेहत, उनकी दवाइयों और साइकाइट्रिक कंसल्ट वगैरह को लेकर डॉक्टरों के लगातार संपर्क में थीं.

'रिया ने सुशांत की सेहत को लेकर डॉक्टर को किया था मैसेज'

इनमें से एक डॉक्टर ने बताया कि उनकी सुशांत से 8 जून को बात हुई थी, उसी दिन रिया चक्रवर्ती उनके घर से चली गई थीं और उनकी बहन मीतू सिंह उनके साथ रहने आ गई थीं. उन्होंने बताया कि रिया चक्रवर्ती ने उन्हें वॉट्सऐप पर मैसेज किया था कि सुशांत सिंह 'फिर से डिप्रेस्ड' हो गए हैं और 'क्या उनकी दवा (जो उन्होंने जाहिर तौर पर लेना बंद कर दिया था) फिर से शुरू की जा सकती है?' डॉक्टर ने बताया कि उन्होंने रिया से कहा था कि उन्होंने वॉट्सऐप पर दवा की प्रिस्क्रिप्शन दी थी लेकिन सुशांत उनसे फोन पर बात करना चाहते थे, फिर उन्होंने (सुशांत ने) रिया चक्रवर्ती के फोन से डॉक्टर से वीडियो कॉल पर बात की थी.

डॉक्टर ने बताया कि 'मैंने जब उनसे पूछा कि उन्होंने बोलने के बाद भी दवाइयां क्यों नहीं लेनी शुरू की थीं तो वो बस हंस दिए और कुछ नहीं कहा. मैंने उनसे नियमित तौर पर दवाइयां लेने को कहा था....इसलिए मैंने उन्हें समझाया और फिर रिया से पूछा कि वो ध्यान दें कि सुशांत वक्त पर दवा लेते रहें. रिया ने मुझे बताया कि वो उनकी सुनते नहीं हैं तो वो क्या कर सकती हैं.' डॉक्टर ने बताया कि जब उन्होंने फीस की बाबत पूछा तो रिया चक्रवर्ती ने उन्हें बताया कि वो सुशांत के घर से जा रही हैं और आगे से उनकी बहन उनके बारे में फैसले लेंगी. डॉक्टर ने कहा कि इसके छह दिन बाद उन्हें टीवी से सुशांत की मौत का पता चला.

'नवंबर, 2019 में डायग्नोज़ हुए थे सुशांत'

डॉक्टर ने मुंबई पुलिस से कहा था, 'गहरे डिप्रेशन, एंग्जाइटी और एग्ज़िस्टेंशियल क्राइसिस से गुजर रहे किसी भी शख्स के खुदकुशी करने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. ये कारण मुख्य रूप से उस शख्स के नकारात्मक विचारों से पैदा होते हैं. ऐसे लोगों में ऐसी सोच बन जाती है कि अतीत में उसे बहुत गहरा नुकसान पहुंचा है और उस कमी को कभी भरा नहीं जा सकता है. मेडिकल साइकाइट्री के हिसाब से, ऐसे में वो अपना इलाज बंद कर देता है, जिससे उसकी हालत और खराब हो जाती है और वो सुसाइ़ड जैसा बड़ा कदम उठा लेता है.' डॉक्टर ने कहा कि सुशांत नवंबर, 2019 में उनसे पहली बार अस्पताल में मिलने के लिए आए थे, तब उनके डायग्नोज़ में सामने आया था कि उन्हें डिप्रेशन और एंग्जाइटी की समस्या थी.

साइकाइट्रिस्ट ने बताया, 'उस वक्त उन्होंने बताया था कि वो सो नहीं पा रहे हैं और भूख भी नहीं लगती है. उन्हें अब जिंदगी में कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा. वो अब जीना नहीं चाहते हैं और उन्हें हर वक्त डर सा लगा रहता है. इसके हिसाब से मैंने उनकी बीमारी डायग्नोज़ की. सुशांत सिंह राजपूत डिप्रेशन और एंग्जाइटी के शिकार थे. उन्होंने बताया था कि उन्हें पिछले 10 दिनों से ऐसा महसूस हो रहा था.'

डॉक्टर ने कहा, 'उनकी बातों से साफ था कि चीजें उनके मन के मुताबिक नहीं जा रही थीं और वो इसे लेकर असुरक्षित थे. हालांकि, इसके पीछे उनके दिमाग में पैदा हो रहे नकारात्मक विचार हो सकते थे क्योंकि एग्ज़ामिनेशन में उनकी ऐसी भावनाओं के लिए बाहरी तौर पर ऐसी कोई वजह सामने नहीं आई थी. मैंने उनसे पूछा था कि क्या उनके मन में खुदकुशी करने के विचार आ रहे हैं, तो उन्होंने ना में जवाब दिया था.' डॉक्टर ने बताया कि जब भी वो सुशांत का चेकअप करते थे, रिया उनके साथ होती थीं और 'उनके व्यवहार और बातों से ऐसा लगा था कि उन्हें उनकी काफी चिंता है.'

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'रेगुलर इलाज नहीं कराते थे सुशांत, दवाइयां बंद कर देते थे'

एक्टर की दूसरी साइकाइट्रिस्ट ने बताया है कि उन्हें सबसे पहले सुशांत की तरफ से कंसल्टेशन के लिए अक्टूबर, 2019 में मैसेज मिला था. उन्होंने पूछताछ में बताया कि उन्हें उस वक्त पता चला कि सुशांत 20 साल की उम्र से एंग्जाइटी से जूझ रहे थे. उन्होंने पूछताछ में कहा है, 'उसके बाद 2013-14 में फिर उनमें ये लक्षण उभर गए थे. मुझे पता चला था कि हर बार उनके लक्षण और गंभीर ही होते जाते थे. सुशांत को अपनी बीमारी का पता था, लेकिन वो रेगुलर तौर पर इलाज नहीं कराते थे क्योंकि अच्छा महसूस करने पर वो दवाइयां लेनी बंद कर देते थे. जब वो मेरे पास आए थे, तब तक उनकी बीमारी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी.' साइकाइट्रिस्ट ने कहा कि उनके लक्षणों से उन्हें बाईपोलर डिसऑर्डर होने की आशंका थी.

डॉक्टर ने बताया. 'बाईपोलर डिसऑर्डर होने पर शरीर में केमिकल में असंतुलन दिखता है, लोग बहुत ज्यादा पैसे खर्च करते हैं, चार से पांच दिनों तक सोते नहीं है, खोने का डर होता और हर काम जल्दी-जल्दी करते हैं. जिस एग्जामिनेशन की बात की है, उसमें सुशांत में बहुत जल्दी-जल्दी बोलने और सोचने और बहुत ज्यादा बेचैनी जैसे लक्षण दिखए थे. उन्हें ऐसा भी लगता था कि उनके एक मिनट में कई दिन गुज़र रहे है, इसलिए उनकी बेचैनी और डर और ज्यादा बढ़ गए थे.'

पिछले साल नवंबर में वो रिया चक्रवर्ती के साथ डॉक्टर के पास गए थे. डॉक्टर के मुताबिक, 'रिया ने जल्दी अपॉइंटमेंट के लिए रिक्वेस्ट की थी और कहा था कि 'मुझे डर लग रहा है और उसे तुरंत मदद की जरूरत है'. रिया ने कहा था कि 'वो (सुशांत) बहुत समझदार है और मैं बहुत मामूली, इसलिए मैं उसकी मदद नहीं कर सकती.' डॉक्टर ने रिया से पूछा था कि क्या सुशांत को खुदकुशी के विचार आ रहे थे तो रिया ने हां में जवाब दिया था.

'खुद को लेकर नकारात्मक महसूस करते थे'

डॉक्टर ने बताया, '15 नवंबर, 2019 को सुशांत, रिया के साथ मेरे पास आए. उस वक्त मैंने उन्हें बाईपोलर डिसऑर्डर के बारे में बताया और कहा कि रेगुलर और ठीक ढंग से इलाज कराने पर वो ठीक हो जाएंगे लेकिन सुशांत चाहते थे कि वो तुरंत ठीक हो जाएं या फिर कोई बहुत जल्दी उन्हें ठीक कर दे. ये किसी के लिए संभव नहीं था. सुशांत को भी पता था कि वो किस दर्द से गुजर रहे हैं लेकिन वो इसे स्वीकार नहीं करना चाहते थे. मैंने उनसे 18 नवंबर को मेरे पास क्लीनिक एग्ज़ामिनेशन के लिए आने को कहा....जिसके बाद मैंने देखा कि उन्होंने बाईपोलर डिसऑर्डर के बारे में खूब पढ़ा है. मैंने देखा कि वो बिना किसी कारण के दुखी थी. कई बार वो मुझसे बात करते-करते रोते रहते थे. इसके अलावा वो खुद को लेकर बहुत ज्यादा नकारात्मक महसूस कर रहे थे.'

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डॉक्टर ने कहा कि उन्होंने आकलन किया कि सुशांत की ऐसी स्थिति उनके दिमाग में सेरोटोनिन केमिकल की वजह से हो सकती है, जिसे दवा से ठीक किया जा सकता है. 'ऐसी हालत में शख्स मानसिक तौर पर बहुत ज्यादा दुखी हो जाता है. दुखी व्यक्ति को खुदकुशी के विचार आने लगते हैं.' डॉक्टर ने बताया कि उन्होंने सुशांत को 24 नवंबर को क्लिनिकल एग्ज़ामिनेशन के लिए बुलाया लेकिन वो नहीं आए. उन्होंने बताया कि रिया चक्रवर्ती ने उन्हें मैसेज करके बताया था कि सुशांत की बहन घर आ रही थीं और संभावना थी कि सुशांत उनके साथ जाएं.

डॉक्टर के मुताबिक, 7 जून को रिया चक्रवर्ती ने कहा कि उनकी तबियत ठीक नहीं है और उन्होंने अगले दिन के लिए सुबह 11.15 का अप्वॉइंटमेंट लिया है. लेकिन उन्होंने डॉक्टर को बताया कि चूंकि सुशांत ने दवाइयां लेनी बंद कर दी थीं और उनकी सेहत 'बहुत ज्यादा गिर रही थी' तो उनके परिवार वाले उनके घर आने वाले थे. डॉक्टर ने कहा, 'मुझे रिया की बातों से लगा कि वो सुशांत का बहुत खयाल रख रही थीं, ताकि उन्हें इस बीमारी से बाहर लाया जा सके लेकिन चूंकि वो खुद इसे नज़रअंदाज करते रहते थे, ऐसे में वो भी थोड़ी सी खिन्न हो गई थीं.'

सुशांत की दूसरी डॉक्टर ने भी पूछताछ में बताया है कि उन्होंने अपनी दवाइयां लेनी बंद कर दी थीं और उनका 'बाईपोलर डिसऑर्डर' बहुत हद तक बढ़ गया था और उन्हें बीमारी का फिर से दौरा पड़ गया होगा. उन्होंने कहा कि वो बार-बार उनसे बोलती थीं कि वो ठीक हो जाएंगे लेकिन वो मानते थे. उन्हें लगता था कि उनकी वजह से उनके परिवार को बहुत दुख पहुंचेगा.

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : NDTV उन दस्तावेज़ों के आधार पर रिपोर्ट कर रहा है, जो सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में जांच का हिस्सा रहे हैं, क्योंकि जांचकर्ताओं का फोकस उनके मानसिक स्वास्थ्य पर रहा है. NDTV की रिपोर्ट में सिर्फ उन्हीं तथ्यों को सामने लाया गया है, जो केस को समझने के लिए आवश्यक हैं, आधिकारिक रिकॉर्ड पर आधारित हैं, और जांचकर्ताओं की जानकारी में लाए गए हैं.

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