नई दिल्ली:
पुलिस द्वारा बिहार में नियमित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे ठेके पर कार्यरत शिक्षकों पर लाठीचार्ज और पंजाब के तरन तारन में एक लड़की की बेरहमी से पिटाई की घटनाओं पर कड़ा रुख अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज पुलिस के आचरण पर दोनों राज्यों से स्पष्टीकरण मांगा है।
न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की खंडपीठ ने इन दोनों घटनाओं का स्वत: ही संज्ञान लेते हुए पंजाब और बिहार सरकार से सोमवार तक जवाब मांगा है। इस मामले में न्यायालय 11 मार्च को आगे विचार करेगा।
न्यायाधीशों ने अटार्नी जनरल गुलाम वाहनवती और वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे से इस मामले में न्यायालय की मदद का अनुरोध किया है।
पंजाब पुलिस के सिपाहियों ने 4 मार्च को तरनतारन में एक लड़की की उस समय बेरहमी से पिटाई की थी जब वह एक ट्रक ड्राइवर और उसके साथियों द्वारा छेड़छाड तथा अभद्र व्यवहार के बारे में उनके पास शिकायत दर्ज कराने गई थी। इस घटना के समय लड़की के पिता भी साथ में थे।
इसी तरह की एक अन्य घटना में बिहार पुलिस ने मंगलवार को नियमित करने और नियमित शिक्षकों के समकक्ष वेतन की मांग को लेकर विधानसभा के बाहर प्रदर्शन कर रहे ठेके पर कार्यरत शिक्षकों पर लाठीचार्ज किया था और आंसू गैस के गोले दागे थे।
न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की खंडपीठ ने इन दोनों घटनाओं का स्वत: ही संज्ञान लेते हुए पंजाब और बिहार सरकार से सोमवार तक जवाब मांगा है। इस मामले में न्यायालय 11 मार्च को आगे विचार करेगा।
न्यायाधीशों ने अटार्नी जनरल गुलाम वाहनवती और वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे से इस मामले में न्यायालय की मदद का अनुरोध किया है।
पंजाब पुलिस के सिपाहियों ने 4 मार्च को तरनतारन में एक लड़की की उस समय बेरहमी से पिटाई की थी जब वह एक ट्रक ड्राइवर और उसके साथियों द्वारा छेड़छाड तथा अभद्र व्यवहार के बारे में उनके पास शिकायत दर्ज कराने गई थी। इस घटना के समय लड़की के पिता भी साथ में थे।
इसी तरह की एक अन्य घटना में बिहार पुलिस ने मंगलवार को नियमित करने और नियमित शिक्षकों के समकक्ष वेतन की मांग को लेकर विधानसभा के बाहर प्रदर्शन कर रहे ठेके पर कार्यरत शिक्षकों पर लाठीचार्ज किया था और आंसू गैस के गोले दागे थे।
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