शिरोमणि अकाली दल (SAD) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को किसी भी धर्म या समुदाय से नहीं जोड़ने की अपील की. उन्होंने यहां संवाददाताओं से बातचीत में प्रधानमंत्री से अपील करते हुए कहा, ‘‘हम सभी को स्पष्ट होना चाहिए कि किसान ‘अन्नदाता' के कल्याण के लिए संघर्ष कर रहे हैं और हमें उन्हें किसी एक धर्म या समुदाय से जोड़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.'' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को इसके बजाय किसानों के लिए इंसाफ सुनिश्चित करने पर ध्यान देना चाहिए.
इससे पहले शनिवार को शिरोमणि अकाली दल (SAD) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने केंद्र सरकार से किसानों की मांग स्वीकार करने और कृषि कानूनों को बिना और देरी किए निरस्त करने को कहा था. बादल ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से पूछा था कि वह एक भी ऐसे दल का नाम बताएं जो कि किसानों का प्रतिनिधि है और उसने तीन कृषि कानूनों का स्वागत किया हो? उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री को संसद में यह धारणा बनाकर लोगों को गुमराह करना बंद करना चाहिए कि ये कानून सभी को स्वीकार्य हैं.
तोमर ने शुक्रवार को कहा था कि सरकार ने कृषि कानूनों में संशोधन करने की किसानों की मांग यदि मान ली है तो इसका यह मतलब नहीं है कि इन तीनों कानूनों में कोई खामी है. बादल ने अमृतसर में कहा था, ‘‘केंद्र सरकार को इसे प्रतिष्ठा का सवाल नहीं बनाना चाहिए. इसके बजाय, उसे किसानों की आवाज को सुनना चाहिए और तीनों कानूनों को बिना देरी किए रद्द करना चाहिए.'' बादल ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर भी निशाना साधा और उन पर भाजपा के साथ ‘‘छद्म रूप में'' काम करने का आरोप लगाया. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने 26 जनवरी से लापता पंजाबी युवाओं का पता लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया.
शिअद अध्यक्ष ने एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री का यह कर्तव्य था कि वह इस मुद्दे को मजबूती से भाजपा नीत केंद्र सरकार के सामने उठाते. उन्होंने आरोप लगाया कि अमरिंदर सिंह ऐसा करने में नाकाम रहे हैं.
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