पटना:
बिहार के उत्तर एवं उत्तर पूर्वी इलाकों के 12 जिलों में 21 और 22 अप्रैल की रात्रि में आए चक्रवाती तूफान एवं ओलावृष्टि की चपेट में आकर छह अन्य लोगों की मौत के साथ ही इस आपदा में मरने वाले लोगों की कुल संख्या बढकर अब 48 हो गई है।
सरकार ने प्रभावित इलाकों में बेघर हो चुके पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न, कपड़े और बतर्न शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, गत 21 और 22 अप्रैल की रात्रि में आए चक्रवाती तूफान और ओलावृष्टि की चपेट में आकर छह अन्य लोगों की मौत के साथ ही इस आपदा में मरने वाले लोगों की कुल संख्या बढ़कर अब 48 हो गई है।
इस आपदा में पूर्णिया जिले में 32, मधेपुरा में 7, मधुबनी में 3, कटिहार एवं सीतामढी में 2-2 तथा सुपौल एवं दरभंगा में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। आपदा प्रबंधन विभाग को प्राप्त जानकारी के मुताबिक दो अन्य प्रभावित जिलों भागलपुर और बांका जिलों में जान-माल की क्षति की कोई सूचना अभी तक प्राप्त नहीं हुई है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आपदा प्रभावित इलाके भागलपुर और उसके पड़ोसी जिलों का गुरुवार सुबह हवाई सर्वेक्षण किया तथा उसके बाद भागलुपर में आला अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश भी दिए।
भागलपुर में पत्रकारों से नीतीश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे फोन पर बात करके स्थिति का जायज़ा लिया। उन्होंने बताया कि बुधवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से फोन पर उनकी दो बार बातचीत हुई थी। केंद्रीय गृह मंत्री से बुधवार को पूर्णिया जिला के हवाई सर्वेक्षण के लिए जाने के पूर्व और वहां से पटना लौटने पर भी उनसे बात हुई थी। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री पूर्णिया भी आ सकते हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि गुरुवार को सुबह वित्तमंत्री अरूण जेटली से फोन पर बातचीत हुई है। सभी ने सहायता का आश्वासन दिया है। कुछ लोगों ने सहायता राशि भी दी हैं और आगे की सहायता के लिए भी सभी सूची तैयार की जा रही है।
बिहार के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने इस तूफान में मरने वालों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है। राजभवन से गुरुवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, त्रिपाठी ने राज्य सरकार को इस आपदा में मरने वालों के परिजनों को अनुग्रह अनुदान दिए जाने का निर्देश देते हुए घायलों के इलाज की समुचित व्यवस्था किए जाने तथा फसल और मकान क्षति का आकलन कर प्रभावित परिवारों के बीच शीघ्र मुआवजा और राहत सामग्रियों का वितरण और पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है।
उन्होंने प्रभावित इलाकों में शीध्र ही यातायात सुविधा, विद्युत एवं संचार व्यवस्था बहाल करने के लिए त्वरित कार्रवाई किए जाने का भी निर्देश दिया है।
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यासजी ने बताया कि प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे प्रभावित परिवारों को एक क्विंटल खाद्यान्न, वस्त्र खरीदने के लिए 1800 रुपये, बर्तन खरीदने के लिए दो हजार रुपये दें।
बेघर हुए लोगों को 2000 रुपये नकद राशि भी उपलब्ध कराने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे तूफान से सबसे अधिक प्रभावित हुए गांवों को प्राथमिकता दें।
उत्तर एवं उत्तर पूर्वी बिहार के कई जिलों तथा पूर्णिया, मधेपुरा, सुपौल, कटिहार, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढी, सहरसा, किशनगंज, मुंगेर, भागलपुर और बांका में गत 21 एवं 22 अप्रैल की रात्रि में आए भीषण चक्रवाती तूफान एवं ओलावृष्टि में हुए जान-माल और फसलों की क्षति के आकलन का निर्देश संबंधित जिलाधिकारियों को बुधवार को ही दे दिया गया था।
सरकार ने प्रभावित इलाकों में बेघर हो चुके पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न, कपड़े और बतर्न शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, गत 21 और 22 अप्रैल की रात्रि में आए चक्रवाती तूफान और ओलावृष्टि की चपेट में आकर छह अन्य लोगों की मौत के साथ ही इस आपदा में मरने वाले लोगों की कुल संख्या बढ़कर अब 48 हो गई है।
इस आपदा में पूर्णिया जिले में 32, मधेपुरा में 7, मधुबनी में 3, कटिहार एवं सीतामढी में 2-2 तथा सुपौल एवं दरभंगा में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। आपदा प्रबंधन विभाग को प्राप्त जानकारी के मुताबिक दो अन्य प्रभावित जिलों भागलपुर और बांका जिलों में जान-माल की क्षति की कोई सूचना अभी तक प्राप्त नहीं हुई है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आपदा प्रभावित इलाके भागलपुर और उसके पड़ोसी जिलों का गुरुवार सुबह हवाई सर्वेक्षण किया तथा उसके बाद भागलुपर में आला अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश भी दिए।
भागलपुर में पत्रकारों से नीतीश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे फोन पर बात करके स्थिति का जायज़ा लिया। उन्होंने बताया कि बुधवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से फोन पर उनकी दो बार बातचीत हुई थी। केंद्रीय गृह मंत्री से बुधवार को पूर्णिया जिला के हवाई सर्वेक्षण के लिए जाने के पूर्व और वहां से पटना लौटने पर भी उनसे बात हुई थी। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री पूर्णिया भी आ सकते हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि गुरुवार को सुबह वित्तमंत्री अरूण जेटली से फोन पर बातचीत हुई है। सभी ने सहायता का आश्वासन दिया है। कुछ लोगों ने सहायता राशि भी दी हैं और आगे की सहायता के लिए भी सभी सूची तैयार की जा रही है।
बिहार के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने इस तूफान में मरने वालों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है। राजभवन से गुरुवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, त्रिपाठी ने राज्य सरकार को इस आपदा में मरने वालों के परिजनों को अनुग्रह अनुदान दिए जाने का निर्देश देते हुए घायलों के इलाज की समुचित व्यवस्था किए जाने तथा फसल और मकान क्षति का आकलन कर प्रभावित परिवारों के बीच शीघ्र मुआवजा और राहत सामग्रियों का वितरण और पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है।
उन्होंने प्रभावित इलाकों में शीध्र ही यातायात सुविधा, विद्युत एवं संचार व्यवस्था बहाल करने के लिए त्वरित कार्रवाई किए जाने का भी निर्देश दिया है।
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यासजी ने बताया कि प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे प्रभावित परिवारों को एक क्विंटल खाद्यान्न, वस्त्र खरीदने के लिए 1800 रुपये, बर्तन खरीदने के लिए दो हजार रुपये दें।
बेघर हुए लोगों को 2000 रुपये नकद राशि भी उपलब्ध कराने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे तूफान से सबसे अधिक प्रभावित हुए गांवों को प्राथमिकता दें।
उत्तर एवं उत्तर पूर्वी बिहार के कई जिलों तथा पूर्णिया, मधेपुरा, सुपौल, कटिहार, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढी, सहरसा, किशनगंज, मुंगेर, भागलपुर और बांका में गत 21 एवं 22 अप्रैल की रात्रि में आए भीषण चक्रवाती तूफान एवं ओलावृष्टि में हुए जान-माल और फसलों की क्षति के आकलन का निर्देश संबंधित जिलाधिकारियों को बुधवार को ही दे दिया गया था।
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