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पेट्रोल-सीएनजी वाहनों के लिए हल्का नीला स्टिकर प्रयुक्त किया जाएगा
स्टीकर एक निश्चित अवधि के बाद खुद ही खत्म हो जाएंगे
15 साल पुरानी पेट्रोल, 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों की पहचान आसानी से होगी
आगामी 15 सिंतबर से पहले दिल्ली-एनसीआर की गाड़ियों पर होलोग्राम स्टिकर होंगे. केंद्र सरकार ने प्रदूषण को लेकर योजना दी थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है.
पेट्रोल-सीएनजी वाहनों के लिए हल्का नीला स्टिकर प्रयुक्त किया जाएगा. खास बात ये है कि वाहनों पर लगने वाले यह स्टीकर ‘सेल्फ डेस्ट्रेकेटिव’ होंगे. यानी एक निश्चित अवधि के बाद खुद ही खत्म हो जाएंगे. इन कलर कोड वाले स्टीकर से 15 साल पुरानी पेट्रोल की और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों की पहचान ज़्यादा आसानी से हो सकेगी. पुराने वाहनों के NCR में चलने पर NGT ने रोक लगा रखी है.
केंद्र ने हलफनामे में कहा है पेरिस में इसी तरह 6 वर्गों के अलग-अलग स्टीकर बनाए गए हैं. इन कलर कोड वाले स्टीकर से 15 साल पुरानी पेट्रोल की और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों की पहचान ज़्यादा आसानी से हो सकेगी.
यग योजना ईवन-ऑड स्कीम से ज़्यादा व्यवहारिक और वैज्ञानिक है. सरकार ने कहा कि 'अपने वाहन की खुद जानकारी' देने वाले स्टीकर विंड स्क्रीन पर ऊपर बाईं ओर लगाए जाएंगे. इसके लिए सरकार मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव करेगी.
दरअसल, केंद्र सरकार ने प्रदूषण को लेकर योजना दी थी. दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि BS-3,4,6 गाड़ियों के लिए अलग-अलग रंग की नंबर प्लेट की योजना पर विचार कर रही है. बाद में केंद्र ने कोर्ट को बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए हरे रंग की नंबर प्लेट तय की गई है, लेकिन नंबर प्लेट से अच्छी योजना होलोग्राम स्टीकर की है जिससे दूर से ही प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का पता चल सकेगा. केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या BS- 3,4,6 गाड़ियों के लिए अलग-अलग रंग की नंबर प्लेट लागू की जा सकती है ताकि उनकी आसानी से पहचान हो सके.
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