
बिहार में मतदाता सूची को सुधारने के लिए चुनाव आयोग की विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) 2025 को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गया है. SIR का उद्देश्य 2003 के बाद मतदाता सूची का अपडेट करना है, जो स्वतंत्र चुनाव के लिए आवश्यक माना जा रहा है. लेकिन बिहार में होने वाले चुनाव से पहले चुनाव आयोग की इस पहल पर राजनीति तेज हो रही है.
शुक्रवार को चुनाव आयोग की ताजा पहल पर विपक्षी दलों के आरोपों को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बेबुनियाद करार देते हुए सिरे से खारिज कर दिया. किरेन रिजिजू ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी और दूसरे राजनीतिक दल बिहार में अल्पसंखयकों को डराने और गुमराह करने की कोशिश कर रही है.
किरेन रिजिजू ने कहा, " अल्पसंखयकों को डरने की कोशिश नहीं होनी चाहिए. ये गलत है. देश में जो हिंदू समुदाय को को मिलता है वह सारी सुविधाएं अल्पसंख्यक समुदाय को भी दी जाती है. दुनिया का कोई ऐसे मुल्क नहीं है जो माइनॉरिटीज को इतनी सुविधाएं देता है."
रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस ने मुस्लिम समुदाय को 75 साल से ज्यादा समय तक वोट बैंक बनाया, जिसका सबसे ज्यादा नुकसान मुसलमानों को ही हुआ है. इसमें नुकसान मुसलमान का है, फायदा कांग्रेस पार्टी का होता है. मुसलमान को वोट बैंक बनाने से राजनीतिक फायदा कांग्रेस को मिलता है. मुसलमान को अगर गरीब बनाया तो कांग्रेस पार्टी ने बनाया.
आगामी बिहार चुनाव से पहले बीजेपी पर कम्युनल राजनीति करने के विपक्षी दलों के आरोपों पर रिजिजू ने कहा, "सेकुलर तो हम हैं. हम किसी के धर्म को देखकर राजनीति नहीं करते। प्रधानम्नत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा सबका साथ, सबका विकास की बात की है. कम्युनल तो कांग्रेस पार्टी है. कभी आप उनको इलेक्टरल रिवीजन के नाम पर darate हो तो कभी एनआरसी के नाम पर darate हो".
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं