केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को कहा कि अमेठी में चुनावी मैदान में गांधी परिवार के किसी सदस्य का नहीं होना, यह संकेत है कि कांग्रेस ने मतदान से पहले ही हार स्वीकार कर ली है. अमेठी से निवर्तमान सांसद ईरानी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘गांधी परिवार का अमेठी में चुनावी मैदान में नहीं होना, इस बात का स्पष्ट संकेत है कि कांग्रेस ने सीट पर मतदान से पहले ही अपनी हार मान ली है.'' उन्होंने यह टिप्पणी कांग्रेस के करीबी के.एल. शर्मा द्वारा अमेठी सीट से नामांकन दाखिल किए जाने के संबंध में की.
ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के रायबरेली से नामांकन दाखिल करने को लेकर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘लोगों को पता है कि जिसे अमेठी ने स्वीकार नहीं किया और वह वायनाड भाग गया, वह कभी पूरी तरह से रायबरेली का नहीं हो पाएगा.'' उन्होंने कहा, ‘‘सवाल यह भी है कि उन्होंने (राहुल गांधी) वायनाड में कहा था कि यह (वायनाड) उनका परिवार है. अब वह आज रायबरेली में क्या कहेंगे?'' राहुल गांधी अमेठी से तीन बार सांसद रह चुके हैं.
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में ईरानी ने राहुल गांधी की जीत का सिलसिला तोड़ दिया था और गांधी को 55,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया था. एक सवाल के जवाब में ईरानी ने कहा कि अब जब नरेंद्र मोदी सरकार में अमेठी के लोगों ने विकास देखा तो वे हैरान हैं कि पिछले 50 वर्षों में ऐसा क्यों नहीं हुआ? उन्होंने कहा, ‘‘अमेठी के लोग पूछ रहे हैं कि 50 वर्षों में गांधी परिवार ने क्षेत्र को इतना नुकसान क्यों पहुंचाया?''
ईरानी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने पहले ही कहा था कि वायनाड का चुनाव संपन्न होने के बाद राहुल गांधी एक सुरक्षित सीट की तलाश करेंगे क्योंकि वह वायनाड में हार रहे हैं और आज उनकी बात सही साबित हो रही है.'' राहुल गांधी केरल के वायनाड से निवर्तमान सांसद हैं और इस चुनाव में भी वह फिर से इसी सीट से मैदान में हैं.
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