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This Article is From Feb 13, 2018

राहुल गांधी को भेंट की गई चांदी की मूर्ति और इससे जुड़ा बेल्लारी का चुनावी समीकरण

राहुल गांधी को भेंट की गई महर्षि वाल्मीकि की चांदी की मूर्ति की कीमत को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में बयानबाजी का दौर

राहुल गांधी को भेंट की गई चांदी की मूर्ति और इससे जुड़ा बेल्लारी का चुनावी समीकरण
राहुल गांधी को भेंट की गई चांदी की मूर्ति.
बेंगलुरु: राहुल गांधी को भेंट की गई  महर्षि वाल्मीकि की चांदी की मूर्ति की कीमत को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच अब द्वंद शुरू हो गया है. बीजेपी इसे राहुल गांधी की नैतिकता से जोड़ रही है तो वहीं कांग्रेस बीजेपी की सोच पर सवाल उठा रही है.

चांदी का भाव 40,600 रुपये प्रति किलोग्राम है. अगर मूर्ति की कीमत 64 लाख रुपये है तो इसका वजन इस हिसाब से लगभग 157 किलोग्राम होगा. सवाल है कि क्या कोई शख्स अकेले इतना वजन उठा सकता है?

आखिर इस मूर्ति की कीमत कितनी है इस पर कुडलीगी क्षेत्र के निर्दलीय विधायक बी नागेंद्र की चुप्पी की वजह से रहस्य बरक़रार है. उन्होंने 10 फरवरी को होसपेट में कांग्रेस में शामिल होते वक़्त यह मूर्ति राहुल गांधी को भेंट की थी. तक़रीबन सवा फीट की चांदी से बनी इस मूर्ति पर रखे दुपट्टे पर गोल्ड प्लेटिंग है.

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प्रदेश बीजेपी के सह प्रवक्ता एस प्रकाश ने महर्षि वाल्मीकि की इस मूर्ति को लेने पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि "बी नागेंद्र अवैध खनन के मामले में जेल जा चुके हैं. उनसे 64 लाख रुपये की मूर्ति लेकर राहुल गांधी क्या साबित करना चाहते हैं, खासकर तब जबकि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ इन दिनों काफी बोल रहे हैं."

बीजेपी की चिंता मूर्ति या इसकी कीमत से कहीं ज्यादा अपने विधायक आनंद सिंह और बेल्लारी के रेड्डी बंधुओ के सिपहसालार श्री रामलू के खासमखास बी नागेंद्र को खोने से बढ़ी है. बेल्लारी के रेड्डी बंधु की पकड़ अवैध खनन में गिरफ्तारी और येदियुरप्पा की बगावत की वजह से ढीली पड़ी. जहां 2008 के चुनावों में 9 में से 8 सीटें यहां से बीजेपी ने जीती थीं वहीं 2013 में सिर्फ एक सीट पर ही बीजीपी जीत सकी. कांग्रेस ने 5 सीटें जीतीं.

विजयपुरा से बीजेपी के विधायक आनंद सिंह  31 जनवरी को कांग्रेस में शामिल हुए. मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी परमेश्वर के सामने आनंद सिंह ने भरोसा दिलाया कि वे "बेल्लारी की सभी सीटों पर कांग्रेस की जीत पक्की करने की भरपूर कोशिश करेंगे."

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भले ही बी नागेंद्र की तरह आनंद सिंह  भी अवैध खनन मामले में जेल जा चुके हों लेकिन होसपेट और इसके आसपास के इलाके में समाज सेवा की वजह से इनकी वोटरों पर अच्छी पकड़ है. कांग्रेस को उम्मीद है कि आनंद सिंह और बी नागेंद्र के रेड्डी खेमे से अलग होने से पार्टी 2013 से भी अच्छा प्रदर्शन करेगी.

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