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This Article is From Dec 07, 2017

सियांग नदी का पानी इस्तेमाल के योग्य नहीं : रिपोर्ट

यह नदी तिब्बती पठार में यारलुंग सांगपो के तौर पर बहने के बाद भारत में प्रवेश करती है.

सियांग नदी का पानी इस्तेमाल के योग्य नहीं : रिपोर्ट
(फाइल फोटो)
इटानगर: अरूणाचल प्रदेश में सियांग नदी का पानी इस्तेमाल के योग्य नहीं है जो कि मैला बन गया है. यह बात ‘स्टेट वाटर क्वालिटी टेस्टिंग लेबोरेटरी’ (एसडब्ल्यूक्यूटीएल) ने एक रिपोर्ट में कही है. यह नदी तिब्बती पठार में यारलुंग सांगपो के तौर पर बहने के बाद भारत में प्रवेश करती है. यह अरूणाचल प्रदेश में करीब 230 किलोमीटर तक बहने के बाद पासीघाट पहुंचती है और लोहित और दिबांग में मिलकर असम में ब्रह्मपुत्र नदी बन जाती है. अरूणाचल प्रदेश के जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं जलापूर्ति (स्वच्छता) विभाग के तहत आने वाली प्रयोगशाला ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सियांग नदी का पानी मानव उपयोग योग्य नहीं है.

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रिपोर्ट में कहा गया है कि पानी का नेफेलोमेट्रिक टर्बिडिटी यूनिट (एनटीयू) 482 है जबकि लौह स्तर 1.65 मिलीग्राम प्रति लीटर है जो कि अनुमेय सीमा से अधिक है. एक आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि नदी के पानी का नमूना जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता टामो जामोह ने 29 नवम्बर को प्रयोगशाला में भेजा था.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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