कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी ने जाति के आधार पर आरक्षण को समाप्त करने की मांग की और राहुल गांधी से सभी समुदायों को इसके दायरे में लाते हुए आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के लिए कोटा लागू करने का अनुरोध किया।
द्विवेदी की जाति आधारित आरक्षण को समाप्त करने की वकालत ऐसे समय में सामने आयी है, जब कांग्रेस अल्पसंख्यक उप कोटा पर जोर दे रही है, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लिए प्रोन्नति में आरक्षण का समर्थन कर रही है और जाटों के लिए आरक्षण के पक्ष में दिख रही है।
कांग्रेस महासचिव द्विवेदी ने कहा, 'यह (जाति के आधार पर आरक्षण) समाप्त हो जाना चाहिए था। यह अब तक क्यों नहीं हुआ, क्योंकि निहित स्वार्थी तत्व प्रकिया में आ गए। क्या दलितों और पिछड़ों में सभी को आरक्षण का लाभ मिलता है? यह सब ऊपर वालों को मिलता है। सामाजिक न्याय और जातिवाद में अंतर है।'
पार्टी महासचिव ने कहा, 'समाजिक न्याय की अवधारणा अब जातिवाद में बदल गई है.. मैं मानता हूं इसे तोड़ने की जरूरत है... चूंकि राहुल गांधी पार्टी घोषणा पत्र के लिए जनता से सीधी राय ले रहे हैं, मैं भी इसका लाभ उठाते हुए उनसे अनुरोध कर रहा हूं कि उन्हें एक बड़ा फैसला करना चाहिए।'
द्विवेदी ने कहा कि लोगों के आर्थिक आधार पर आरक्षण के बारे में बात की जाए। वह कांग्रेस के भविष्य के नेता हैं। भविष्य में देश का नेता वही होगा, जो जात-पात के कटघरे को तोड़ेगा, क्योंकि तब ही समानता के आधार पर समाज का निर्माण हो सकेगा।'
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