विज्ञापन
This Article is From Oct 09, 2015

नीतीश कटारा हत्‍याकांड 'ऑनर किलिंग' नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई दोषियों को फांसी देने की मांग

नीतीश कटारा हत्‍याकांड 'ऑनर किलिंग' नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई दोषियों को फांसी देने की मांग
नीतीश कटारा का फाइल फोटो...
नई दिल्‍ली: नीतीश कटारा हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सांसद डीपी यादव के बेटे विकास यादव और भांजे विशाल यादव को मौत की सजा देने से इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये मामला केवल हत्या का है न कि जघन्यतम अपराध का। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि इस मामले में ताउम्र जेल में रखने की भी सजा नहीं दी जा सकती। 

ये पूर्वनियोजित हत्या थी: हरीश साल्‍वे
मामले में नीतीश की मां नीलम कटारा ने सुप्रीम कोर्ट से सजा बढ़ाने की मांग की थी। नीलम कटारा की तरफ से पेश वरिष्‍ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि ये पूर्वनियोजित हत्या थी। दोनों ही पढ़े-लिखे थे। साथ ही आरोपी भी अपने अपराध को अच्छी तरह से जानते थे। पहले नीतीश का अपहरण किया गया, उसके बाद हथौड़ा मारकर उसकी हत्या की और फिर जला दिया गया, इसलिए ये जघन्यतम अपराध था।

(पढ़िए- नीतीश कटारा हत्याकांड की पूरी कहानी)

ऐसा नहीं लगता कि इस मामले में ऑनर किलिंग की गई : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 'ऐसा नहीं लगता कि इस मामले में ऑनर किलिंग की गई थी। विशाल की बहन भारती यादव अपनी बहन की शादी का कार्ड भी नीतीश के घर देने गयी थी, जिसका मतलब दोनों परिवार एक दूसरे को जानते थे।' कोर्ट ने ये भी कहा कि 'हत्या का कारण शादी के दौरान दोनों का साथ में नाचना और इससे दोनों भाईयों का हत्या का षडयंत्र रचना था, लेकिन ये हत्या जघन्यतम अपराध नहीं था।' कोर्ट ने मौत की सजा से इंकार करने के साथ ही ये भी कहा कि 'हत्या के समय दोनों भाई बहुत जवान थे, इसलिए ताउम्र की भी सजा नहीं दी जा सकती।' दिल्ली हाईकोर्ट ने विकास और विशाल यादव को 30 साल की कैद की सजा सुनाई है। दोनों ने भी हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।


दिल्‍ली हाईकोर्ट ने सुनाई थी सजा
उल्‍लखेनीय है कि इसी साल फरवरी माह में दिल्ली हाइकोर्ट ने 2002 के नीतीश कटारा हत्याकांड में दोषी करार दिए गए विकास यादव और विशाल यादव को 25 साल की कैद की सजा सुनाई थी। उन्‍हें
सबूत मिटाने के मामले में 5-5 साल अलग से सजा सुनाई गई थी, यानी दोनों को बिना छूट के कुल 30 साल की सजा काटनी पड़ेगी।  दोनों पर 50-50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। वहीं मामले के एक अन्य दोषी सुखदेव पहलवान को 20 साल कैद की सजा दी गई है। उसे भी सबूत मिटाने के मामले में पांच साल अलग से सजा दी गई। हाईकोर्ट ने कहा कि यह केस रेयरेस्ट ऑफ रेयर नहीं है, इसलिए फांसी की सजा नहीं दी जा सकती, लेकिन कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सजा के दौरान इन्हें कोई छूट नहीं दी जाएगी।

दिल्‍ली पुलिस ने भी मांगी थी फांसी
हाइकोर्ट ने पिछले साल 2 अप्रैल को इसे ऑनर किलिंग का मामला माना था और निचली अदालत के फैसले को कायम रखा था। वहीं, नीतीश कटारा की मां नीलम कटारा और दिल्ली पुलिस ने इसे रेयरेस्ट ऑफ द रेयर क्राइम बताते हुए दोषियों के लिए फांसी की सज़ा की मांग की थी।

 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
नीतीश कटारा हत्याकांड, नीलम कटारा, विकास यादव, सुखदेव पहलवान, सुप्रीम कोर्ट, फांसी की मांग, Nitish Katara Murder Case, Neelam Katara, Vikas Yadav, Sukhdev Pehalwan, Supreme Court (SC)
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com