![चीन से तनाव के चलते भारतीय सेना के लिए बहुत जरूरी है S-400, जानिए क्या खासियत है इस सिस्टम की चीन से तनाव के चलते भारतीय सेना के लिए बहुत जरूरी है S-400, जानिए क्या खासियत है इस सिस्टम की](https://c.ndtvimg.com/2019-06/2psjbfro_s400-missile_625x300_25_June_19.jpg?downsize=773:435)
चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस के तीन दिवसीय दौरे पर हैं. रक्षा मंत्री के इस यात्रा के दौरान भारत रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली की जल्द से जल्द आपूर्ति करने की मांग करेगा. भारत की ओर से यह आग्रह ऐसे समय की जा रही है जब चीन के साथ एलएसी पर विवाद गहरा गया है. इसका पूरा नाम S-400 ट्रायम्फ है जिसे नाटो देशों में SA-21 ग्रोलर के नाम से जाना जाता है. रूस द्वारा विकसित यह मिसाइल सिस्टम जमीन से हवा में मार करने में सक्षम है.
इस मिसाइल सिस्टम को जमीन से हवा में मार करने वाला दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार माना जाता है. यह सिस्टम एयरक्राफ्ट, क्रूज मिसाइल और यहां तक कि परमाणु मिसाइल को 400 किलोमीटर पहले ही नष्ट कर सकता है. इसके तीन प्रमुख अंग हैं. मिसाइल लॉन्चर, शक्तिशाली रडार और कमांड सेंटर. इसमें लगा हुआ रडार 600 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य को देख सकता है.
दूर तक मार करने की क्षमता की वजह से इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम को दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार माना जाता है. एस-400 दुश्मन के सभी हवाई हमलों को नाकाम करने में सक्षम है और यह जमीन में लड़ रहे सैनिकों की मदद भी रोक सकता है.
2007 में इसका पहली बार इस्तेमाल मॉस्को की रक्षा के लिए किया गया था. इसके लॉन्चर से 48N6 सीरीज की मिसाइलें लॉन्च की जा सकती हैं जिनके जरिए बड़ी तबाही मचाई जा सकती है. S-400 का सबसे पहले साल 2007 में उपयोग हुआ था जो कि S-300 का अपडेटेड वर्जन है. इस एक मिसाइल सिस्टम में कई सिस्टम एकसाथ लगे होने के कारण इसकी सामरिक क्षमता काफी मजबूत मानी जाती है. इसकी मारक क्षमता अचूक है क्योंकि यह एक साथ तीन दिशाओं में मिसाइल दाग सकता है. चीन के पास यह रक्षा प्रणाली पहले से मौजूद है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं