राजस्थान कांग्रेस में 'घमासान' पर बोले अशोक गहलोत - मेरे हाथ में कुछ भी नहीं, नाराज़ हैं विधायक

राजस्थान कांग्रेस में जारी विवाद के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत में कहा है कि "विधायक नाराज हैं. उनके हाथ में कुछ भी नहीं है."

राजस्थान कांग्रेस में 'घमासान' पर बोले अशोक गहलोत - मेरे हाथ में कुछ भी नहीं, नाराज़ हैं विधायक

नई दिल्ली:

राजस्थान कांग्रेस में जारी विवाद के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत में कहा है कि "विधायक नाराज हैं. उनके हाथ में कुछ भी नहीं है." सूत्रों के अनुसार मौजूदा घटनाक्रम को लेकर सीएम अशोक गहलोत ने  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल से फोन पर बात की है. इस बातचीत के दौरान अशोक गहलोत ने उन्हें बताया कि पार्टी के विधायक नाराज है. ऐसे हालात में मेरे हाथ में कुछ नहीं है.गौरतलब है कि राजस्थान में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है.

हालांकि, कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा है कि आज ना मैंने अशोक गहलोत को फोन किया है और ना ही उन्होंने मुझसे अभी तक कोई बात की है. 

सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार राजस्थान का अगला सीएम कौन होगा यह तय करने से पहले ही सीएम अशोक गहलोत खेमे के 90 से ज्यादा विधायकों ने अपने पद से इस्तीफा देने की धमकी दी है. विधायक विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं. इससे पहले खबर आ रही थी कि सभी विधायक जल्द ही कांग्रेस पार्टी द्वारा बुलाई गई विधायक दल की बैठक में शामिल हो सकते हैं. विधायक दल की बैठक से पहले गहलोत कैंप के विधायकों ने शांति धारीवाल के घर पर मुलाकात की थी. इसके बैठक में भी 56 के करीब विधायक शामिल हुए हैं. इस बैठक के बाद अशोक गहलोत खेमे के विधायकों  ने अपने ही खेमे से किसी को मुख्यमंत्री बनाने की बात की थी. इसे लेकर बकायदा एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था. 

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अशोक गहलोत कैंप के विधायक खाचरियावास ने मीडिया से कहा कि हम सभी विधायक विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर अपने पद से इस्तीफा देंगे. उन्होंने आगे कहा कि पार्टी हमारी नहीं सुनती है, फैसले अपने आप हो जाते हैं. जरूरत पड़ी तो हम दिल्ली भी जाएंगे. हाईकमान हमारे मुखिया है. सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अशोक गहलोत आह्वान करेंगे तो हम जान देंगे. अभी हम 125 के करीब विधायक है हमारे साथ निर्दलीय विधायक भी हैं. विधायक पहले ही तय कर चुके थे कि वो विधायक दल की बैठक में नहीं जाएंगे. विधायकों को लगता है कि फैसला उनसे पूछे बगैर लिया जा रहा है.