नई दि्ल्ली:
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की सूखा प्रभावित इलाकों पर टिप्पणी 'असंगत' थी और जब उन्होंने इस पर अफसोस जाहिर कर दिया है तो उन्हें माफ कर देना चाहिए।
राकांपा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि डीएमके के संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार से बाहर निकल जाने के बाद केंद्र सरकार डांवाडोल हो गई है और लोकसभा चुनाव सिर पर मंडरा रहा है।
राकांपा प्रमुख ने यहां संवाददताओं से कहा, "पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर मैं कहना चाहूंगा कि अजित पवार का बयान असंगत और दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्हें अपनी हैसियत का ध्यान रखते हुए अत्यंत सावधान रहना चाहिए। जब उन्होंने अफसोस जाहिर किया है तो उन्हें माफ किया जाना चाहिए।"
रांकापा अध्यक्ष ने कहा, "जिस प्रकार की जिम्मेदारी वाले पद पर वे बने हुए हैं वहां रहते हुए उन्हें अपने शब्दों और भाषा का इस्तेमाल सोच समझकर करना चाहिए।"
अजित पवार पिछले सप्ताह उस समय आपा खो बैठे थे जब उनसे महाराष्ट्र के सूखा प्रभावित इलाकों में चल रहे प्रदर्शन पर बयान की मांग की गई थी।
बयान मांगे जाने पर अजित ने सवाल किया था, "कौन हैं ये भाईसाहेब देशमुख? उनके प्रदर्शन का आधार क्या है? क्या इससे पानी पैदा हो जाएगा? जब पानी ही नहीं है तो कहां से मैं पानी का प्रबंध करूंगा? अब बांधों में क्या मैं मूत्रत्याग करूं?"
उपमुख्यमंत्री की इस तल्ख टिप्पणी के खिलाफ समूचे महाराष्ट्र में प्रदर्शन हुआ।
अजित पवार ने अपनी टिप्पणी के लिए क्षमा भी मांगी, लेकिन विपक्ष माफी देने से इनकार करते हुए उनके इस्तीफे की मांग पर अड़ा हुआ है।
लोकसभा चुनाव आसन्न करार देते हुए रांकापा के अध्यक्ष ने कहा, "डीएमके के बाहर आ जाने के बाद से संप्रग डावांडोल हो गया है। हमलोगों को चुनाव के लिए तैयार रहना चाहिए। मैंने संप्रग की अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी इस मुद्दे पर एक बैठक बुलाने का सुझाव दिया है.., उन्होंने भी यही विचार व्यक्त किया है।"
प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी के बारे में शरद पवार ने कहा कि संप्रग में केवल कांग्रेस, राकांपा और नेशनल कान्फ्रेंस है और बड़ी पार्टी प्रधानमंत्री का प्रत्याशी तय करेगी और हम उसका सम्मान करेंगे।
समय पूर्व चुनाव के बारे में राकांपा अध्यक्ष का यह बयान समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को चुनाव के लिए तैयार रहने की हिदायत देने के सप्ताहभर बाद आया है।
यादव ने लखनऊ में दावा किया था कि एक 'गोपनीय रिपोर्ट' से संकेत मिलता है कि चुनाव नवंबर के आसपास होंगे और पार्टी को इसके लिए तैयार रहना होगा।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी के शुक्रवार के दावे कि संप्रग के एक बड़े नेता ने संप्रग-2 की सरकार को गिराने में उनसे मदद मांगी है के बारे में पवार ने कहा कि उनकी पार्टी के सिर्फ नौ सांसद हैं और यदि वे समर्थन वापस ले भी लेते हैं तब भी सरकार बची रह जाएगी।
राकांपा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि डीएमके के संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार से बाहर निकल जाने के बाद केंद्र सरकार डांवाडोल हो गई है और लोकसभा चुनाव सिर पर मंडरा रहा है।
राकांपा प्रमुख ने यहां संवाददताओं से कहा, "पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर मैं कहना चाहूंगा कि अजित पवार का बयान असंगत और दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्हें अपनी हैसियत का ध्यान रखते हुए अत्यंत सावधान रहना चाहिए। जब उन्होंने अफसोस जाहिर किया है तो उन्हें माफ किया जाना चाहिए।"
रांकापा अध्यक्ष ने कहा, "जिस प्रकार की जिम्मेदारी वाले पद पर वे बने हुए हैं वहां रहते हुए उन्हें अपने शब्दों और भाषा का इस्तेमाल सोच समझकर करना चाहिए।"
अजित पवार पिछले सप्ताह उस समय आपा खो बैठे थे जब उनसे महाराष्ट्र के सूखा प्रभावित इलाकों में चल रहे प्रदर्शन पर बयान की मांग की गई थी।
बयान मांगे जाने पर अजित ने सवाल किया था, "कौन हैं ये भाईसाहेब देशमुख? उनके प्रदर्शन का आधार क्या है? क्या इससे पानी पैदा हो जाएगा? जब पानी ही नहीं है तो कहां से मैं पानी का प्रबंध करूंगा? अब बांधों में क्या मैं मूत्रत्याग करूं?"
उपमुख्यमंत्री की इस तल्ख टिप्पणी के खिलाफ समूचे महाराष्ट्र में प्रदर्शन हुआ।
अजित पवार ने अपनी टिप्पणी के लिए क्षमा भी मांगी, लेकिन विपक्ष माफी देने से इनकार करते हुए उनके इस्तीफे की मांग पर अड़ा हुआ है।
लोकसभा चुनाव आसन्न करार देते हुए रांकापा के अध्यक्ष ने कहा, "डीएमके के बाहर आ जाने के बाद से संप्रग डावांडोल हो गया है। हमलोगों को चुनाव के लिए तैयार रहना चाहिए। मैंने संप्रग की अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी इस मुद्दे पर एक बैठक बुलाने का सुझाव दिया है.., उन्होंने भी यही विचार व्यक्त किया है।"
प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी के बारे में शरद पवार ने कहा कि संप्रग में केवल कांग्रेस, राकांपा और नेशनल कान्फ्रेंस है और बड़ी पार्टी प्रधानमंत्री का प्रत्याशी तय करेगी और हम उसका सम्मान करेंगे।
समय पूर्व चुनाव के बारे में राकांपा अध्यक्ष का यह बयान समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को चुनाव के लिए तैयार रहने की हिदायत देने के सप्ताहभर बाद आया है।
यादव ने लखनऊ में दावा किया था कि एक 'गोपनीय रिपोर्ट' से संकेत मिलता है कि चुनाव नवंबर के आसपास होंगे और पार्टी को इसके लिए तैयार रहना होगा।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी के शुक्रवार के दावे कि संप्रग के एक बड़े नेता ने संप्रग-2 की सरकार को गिराने में उनसे मदद मांगी है के बारे में पवार ने कहा कि उनकी पार्टी के सिर्फ नौ सांसद हैं और यदि वे समर्थन वापस ले भी लेते हैं तब भी सरकार बची रह जाएगी।
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