रूप कंवर सती कांड (Roop Kanwar Sati Case) में आज 32 साल बाद आने वाला फैसला टल गया. जयपुर में एक स्पेशल कोर्ट इस मामले में फैसला देने वाली थी. रूप कंवर की सितंबर 1987 में मौत हो गयी थी. उनकी मौत के बाद सती प्रथा का महिमामंडन किया गया, जिसकी वजह से 8 लोगों के खिलाफ यह मामला चल रहा है. इस मामले में अब तक 11 लोग बरी हो चुके हैं. 4 सितंबर 1987 को 18 साल की उम्र में उन्होंने अपने पति के साथ खुद को जला लिया था. उनकी शादी को तब केवल 7 महीने ही हुए थे. स्थानीय लोगों ने उनकी मौत के बाद उनका एक मंदिर बनाया और ऐसी धार्मिक क्रियाएं करने लगे जो रूप कंवर को सती के रूप में महिमामंडित करती हैं.
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स्थानीय पुलिस ने रूप कंवर के इस कदम को महिमामंडित करने वाले लोगों पर मुकदमा कर दिया. इस मामले में अब तक 11 लोग बरी हो चुके हैं जिनमें पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की कैबिनेट में रहे बीजेपी नेता राजेंद्र राठौर का नाम भी शामिल है. बरी हो चुके लोगों के खिलाफ सबूत नहीं मिले. लेकिन जिन 8 लोगों के खिलाफ केस चल रहा है, उनमें से अधिकतर स्थानीय निवासी हैं. कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है.
बता दें कि रूप कंवर की मौत के बाद देश में सती प्रथा से संबंधित कानून बनाया गया और ऐसे मामलों के निपटारे के लिए विशेष कोर्ट का भी गठन किया गया. आजादी के बाद राज्य में इस तरह के 29 मामले सामने आए थे.
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