जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा आज खत्म हो गया है. अब जम्मू-कश्मीर दो केंद्र शासित प्रदेशों लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में बंट गया है. गुरुवार सुबह लद्दाख के प्रथम उपराज्यपाल आरके माथुर ने पद की शपथ ले ली है. जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने उन्हें शपथ दिलवाई. जीसी मुर्मू भी आज ही जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल पद की शपथ लेंगे. जीसी मुर्मू को भी जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ही शपथ दिलवाएंगी.
इसके साथ ही लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश के रूप में अस्तित्व में आने से एक दिन पूर्व केंद्र ने बुधवार को वरिष्ठ आईएएस अधिकारी उमंग नरूला को इस हिमालयी क्षेत्र के नव नियुक्त उप राज्यपाल का सलाहकार नियुक्त किया है. 1989 बैच के आईएएस अधिकारी नरूला को तत्काल प्रभाव से लद्दाख के उप राज्यपाल का सलाहकार नियुक्त किया गया है. इससे पहले वह जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के प्रधान सचिव थे. मलिक को गोवा की जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है. इसी के साथ ही, 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी एस एस खंडारे को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का ‘पुलिस प्रमुख' नियुक्त किया गया है.
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रक्षा सचिव रह चुके हैं राधा कृष्ण माथुर
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के पहले एलजी राधा कृष्ण माथुर (Radha Krishna Mathur) त्रिपुरा कैडर के 1977 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं. वह नवंबर 2018 में भारत के मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) के रूप में सेवानिवृत्त हुए. 25 मई 2013 को इस पद पर नियुक्त होने के दो साल बाद माथुर भारत के रक्षा सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुए. वह भारत के रक्षा उत्पादन सचिव, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम सचिव और भारत के मुख्य सचिव और त्रिपुरा के मुख्य सचिव भी की भूमिका भी निभा चुके हैं. आईआईटी कानपुर के छात्र रहे माथुर को रक्षा मामलों की गहरी समझ है. कहा जा रहा है कि उनके अनुभवों को देखते हुए ही उन्हें सामरिक तौर पर संवेदनशील नए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की कमान सौंपी गई है.
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