
गणतंत्र दिवस परेड (फाइल फोटो)
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इस साल यूएई का मार्चिंग दस्ता हिस्सा ले रहा है
वायुसेना का स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस भी हिस्सा लेगा
विदेशी तोप धनुष भी पहली बार दुनिया के सामने दिखाई देगी
परेड के मुख्य आकर्षणों में एनएसजी कमांडोज़ का दस्ता भी पहली बार शामिल हो रहा है. एनएसजी ने पठानकोट आतंकी हमले से निपटने में खास भूमिका निभाई थी. साथ ही राजपथ पर भारत का स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान तेजस भी पहली बार दूसरे विमानों के साथ आसमान में करतब दिखाता हुआ नज़र आएगा. इसके अलावा पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला ध्रुव हेलीकाप्टर भी नज़र आएगा.
परेड में पहली बार देश में ही बानी तोप धनुष भी दिखाई देगी. इतना ही नहीं टी-90 टैंक, आकाश और ब्रह्मोस मिसाइल, सीबीआरएन यानी कैमिकल, बायलोजिकल, रेडियोलोजिकल और न्यूक्लिअर रेडिएशन डिटेक्शन मशीन भी राजपथ पर नज़र आएगी. गणतंत्र दिवस की परेड देखने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से 40 आदिवासी भी बुलाए गए हैं. यह आदिवासी पीएम और राष्ट्रपति से मुलाक़ात भी करेंगे.
गौरतलब है कि इस साल गणतंत्र दिवस की झांकी में आपको लोकमान्य तिलक की 160वीं जयंती, कच्छ की कला और जीवनशैली, दिल्ली के आदर्श सरकारी स्कूल, स्किल इंडिया और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की थीम देखने को मिलेगी. इस साल होने वाली गणतंत्र दिवस की परेड में कुल 23 झाकियां शामिल होंगी, जिसमें से 17 झाकियां विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की होंगी.
सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय, कौशल विकास मंत्रालय, आबकारी एवं सीमाशुल्क बोर्ड, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक शोध परिषद और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की झाकियों को भी राजपथ पर आयोजित होने वाली 68वें गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल किया जाएगा.
इस साल जिन राज्यों की झाकियों को गणतंत्र दिवस की परेड में मौका दिया जा रहा है उनमें गोवा, ओडिशा, दिल्ली, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, गुजरात, लक्षद्वीप, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर और असम शामिल हैं.
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की झांकी ‘कौशल विकास के जरिये बदलता भारत’ के विचार पर आधारित होगी जबकि सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय की झांकी खादी और ग्रामोद्योग आयोग पर आधारित होगी.
अरणाचल की झांकी में याक नृत्य, कर्नाटक की झांकी में लोक नृत्य, तमिलनाडु की झांकी में ‘कराकट्टम’ नृत्य, और त्रिपुरा की झांकी में वहां के आदिवासी नृत्य ‘होजागिरी’ की झलक पेश की जाएगी. करीब तीन साल बाद परेड का हिस्सा बन रही दिल्ली की झांकी में आदर्श सरकारी स्कूल की झलक देखने को मिलेगी.
(इनपुट्स भाषा से भी)
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