NDTV के ऑफिस में लेफ्टिनेंट अपर्णा नायर
नई दिल्ली:
गुरुवार को 68वें गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के राजपथ पर परेड में लेफ्टिनेंट अपर्णा नायर ने भारतीय नौसेना के 144 युवा नाविकों के दल का नेतृत्व किया. इस दौरान नेवी के बैंड ने 'जय भारती' की धुन बजाई. परेड में शामिल होने वाले नौसेना के सभी 144 नाविकों ने पिछले साल ही नौसेना ज्वाइन की.
लेफ्टिनेंट अपर्णा नायर का जन्म केरल के कन्नूर ज़िले के थालास्सेरी में हुआ. उन्होंने दिल्ली के होली चाइल्ड सीनियर सेकंडरी स्कूल में शिक्षा हासिल कर जयपुर से आईटी में बी टेक किया. दिसंबर 2012 में उन्होंने भारतीय नौसेना ज्वाइन की और ट्रेनिंग खत्म करने के बाद नियुक्ति दिल्ली में ही हुई. उन्होंने NDTV से बातचीत में बताया, 'पिता अकाउंटेंट हैं और मां उसी स्कूल में टीचर थीं जिसमें मैंने शिक्षा हासिल की है. मेरा भाई सोनीपत से बीटेक कर रहा है.'
लेफ्टिनेंट अपर्णा नायर कहती हैं, 'मैं अपने चचेरे बड़े भाई को, जो आर्मी में कर्नल हैं, को हमेशा देखा करती थी. उनको देखकर मेरे मन में फौज में जाने की ख्वाहिश जगी. मेरे मां-बाप का सपना था कि मैं फ़ौज ज्वाइन करूं और उनका सपना पूरा करना मेरा फ़र्ज़ था जो मैंने पूरा किया.'
दिव्यांग बच्चों को शिक्षा के नाम पर भावुक होते हुए अपर्णा कहती हैं, '4 दिसंबर को नेवी डे के मौके पर नौसेना कार्यक्रम करवाती है जिसमें स्कूल में जाकर ये बताना था कि भारतीय नौसेना में करियर कितना अच्छा है. इस कार्यक्रम के दौरान स्कूल में मेरी मुलाक़ात हुई उन डिसेबल बच्चों से हुई जो पढ़ना चाहते थे. मुझे हैरत हुई कि स्कूल में उन बच्चों को टीचर के अलावा वहां के बड़े बच्चे पढ़ने में मदद करते थे. उन लोगों का मानना था कि बच्चे बच्चे हैं, उनको शिक्षा से दूर नहीं रखा जाना चाहिए, शिक्षा सबको मिलनी चाहिए, वो चाहे गांवों से हों या शहर से. अगर वो शिक्षा के लिए स्कूल के चौखट तक पहुंच जाएं तो उसको स्कूल में शिक्षा के लिए प्रवेश ज़रूर मिलना चाहिए. एक भी बच्चा शिक्षा से छूट गया तो समझिये देश तरक्की से रुक गया.'
महिलाओं को संदेश देते हुए लेफ्टिनेंट अपर्णा नायर कहती हैं, 'महिलाओं को ये नहीं सोचना चाहिए कि फ़ौज नहीं ज्वाइन करनी चाहिए, ये हिचक छोड़ कर आर्मी, नेवी, एयरफोर्स को करियर के रूप में लेना चाहिए. हमें ही नहीं, परिवार, रिश्तेदारों और मिलने वालों को गर्व महसूस होता है कि हम अपने देश की सेवा करने के लिए फौज में शामिल हुए हैं, जिंदगी में इससे बड़ी कोई बात नहीं हो सकती.'
लेफ्टिनेंट अपर्णा नायर की दिलचस्पी डांस के अलावा, स्केचिंग और संगीत में है. उनका कहना है कि प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ को बिल्कुल अलग रखना चाहिए. 'जब मैं अपनी वर्दी में रहती हूं तो मैं एक अफसर रहती हूं. उस वक्त बिल्कुल महसूस नहीं होता कि मैं महिला हूं या पुरुष. और निजी ज़िंदगी में मैं अपने पापा-मम्मी के लिए छोटी सी बच्ची हूं.
लेफ्टिनेंट अपर्णा नायर का जन्म केरल के कन्नूर ज़िले के थालास्सेरी में हुआ. उन्होंने दिल्ली के होली चाइल्ड सीनियर सेकंडरी स्कूल में शिक्षा हासिल कर जयपुर से आईटी में बी टेक किया. दिसंबर 2012 में उन्होंने भारतीय नौसेना ज्वाइन की और ट्रेनिंग खत्म करने के बाद नियुक्ति दिल्ली में ही हुई. उन्होंने NDTV से बातचीत में बताया, 'पिता अकाउंटेंट हैं और मां उसी स्कूल में टीचर थीं जिसमें मैंने शिक्षा हासिल की है. मेरा भाई सोनीपत से बीटेक कर रहा है.'
लेफ्टिनेंट अपर्णा नायर कहती हैं, 'मैं अपने चचेरे बड़े भाई को, जो आर्मी में कर्नल हैं, को हमेशा देखा करती थी. उनको देखकर मेरे मन में फौज में जाने की ख्वाहिश जगी. मेरे मां-बाप का सपना था कि मैं फ़ौज ज्वाइन करूं और उनका सपना पूरा करना मेरा फ़र्ज़ था जो मैंने पूरा किया.'
दिव्यांग बच्चों को शिक्षा के नाम पर भावुक होते हुए अपर्णा कहती हैं, '4 दिसंबर को नेवी डे के मौके पर नौसेना कार्यक्रम करवाती है जिसमें स्कूल में जाकर ये बताना था कि भारतीय नौसेना में करियर कितना अच्छा है. इस कार्यक्रम के दौरान स्कूल में मेरी मुलाक़ात हुई उन डिसेबल बच्चों से हुई जो पढ़ना चाहते थे. मुझे हैरत हुई कि स्कूल में उन बच्चों को टीचर के अलावा वहां के बड़े बच्चे पढ़ने में मदद करते थे. उन लोगों का मानना था कि बच्चे बच्चे हैं, उनको शिक्षा से दूर नहीं रखा जाना चाहिए, शिक्षा सबको मिलनी चाहिए, वो चाहे गांवों से हों या शहर से. अगर वो शिक्षा के लिए स्कूल के चौखट तक पहुंच जाएं तो उसको स्कूल में शिक्षा के लिए प्रवेश ज़रूर मिलना चाहिए. एक भी बच्चा शिक्षा से छूट गया तो समझिये देश तरक्की से रुक गया.'
महिलाओं को संदेश देते हुए लेफ्टिनेंट अपर्णा नायर कहती हैं, 'महिलाओं को ये नहीं सोचना चाहिए कि फ़ौज नहीं ज्वाइन करनी चाहिए, ये हिचक छोड़ कर आर्मी, नेवी, एयरफोर्स को करियर के रूप में लेना चाहिए. हमें ही नहीं, परिवार, रिश्तेदारों और मिलने वालों को गर्व महसूस होता है कि हम अपने देश की सेवा करने के लिए फौज में शामिल हुए हैं, जिंदगी में इससे बड़ी कोई बात नहीं हो सकती.'
लेफ्टिनेंट अपर्णा नायर की दिलचस्पी डांस के अलावा, स्केचिंग और संगीत में है. उनका कहना है कि प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ को बिल्कुल अलग रखना चाहिए. 'जब मैं अपनी वर्दी में रहती हूं तो मैं एक अफसर रहती हूं. उस वक्त बिल्कुल महसूस नहीं होता कि मैं महिला हूं या पुरुष. और निजी ज़िंदगी में मैं अपने पापा-मम्मी के लिए छोटी सी बच्ची हूं.
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