नई दिल्ली:
बिहार में मिड डे मील हादसे पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आगामी मंगलवार तक रिपोर्ट सौंपने की उम्मीद है। उस हादसे में 23 बच्चों की जान गई थी।
मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अमरजीत सिंह ने मानव संसाधन विकास मंत्री एम एम पल्लम राजू को रिपोर्ट सौंपने से पहले मसौदा नोट तैयार करना शुरू कर दिया है। सिंह को हादसे के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए बिहार भेजा गया था।
ऐसा बताया जाता है कि इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवारों के सदस्यों से मुलाकात की थी। सूत्रों ने बताया कि सिंह सारण में हुई घटना और बिहार के ही मधुबनी में हुई उसी तरह की घटना को मिलाकर रिपोर्ट तैयार करेंगे। मधुबनी में मिड-डे मील योजना के तहत खाना खाकर एक सरकारी मध्य विद्यालय के तकरीबन 50 बच्चे बीमार पड़ गए थे। उन्होंने बताया कि सिंह ने तमिलनाडु की घटना के बारे में भी विवरण मांगा है, जहां कथित तौर पर मिड-डे मील खाने के बाद 100 से अधिक लड़कियां बीमार पड़ गई थीं।
रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के समय ही उम्मीद की जाती है कि सरकार औपचारिक तौर पर एक नई समिति का गठन करने की घोषणा करेगी। वह समिति मिड-डे मील कार्यक्रम के कार्यान्वयन की समीक्षा करेगी और इस बात की निगरानी करेगी कि अच्छी गुणवत्ता वाला खाना परोसा जाए और स्वास्थ्यकर मानदंडों को सुनिश्चित किया जाए।
सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय समाज समूहों की सहमति लेने के लिए उनसे संपर्क कर रहा है। राजू ने दावा किया था कि मंत्रालय ने योजना को लागू करने में कमियों के बारे में बिहार के 12 जिलों को सतर्क किया था। इस आरोप का नीतीश कुमार सरकार ने खंडन किया था।
मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अमरजीत सिंह ने मानव संसाधन विकास मंत्री एम एम पल्लम राजू को रिपोर्ट सौंपने से पहले मसौदा नोट तैयार करना शुरू कर दिया है। सिंह को हादसे के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए बिहार भेजा गया था।
ऐसा बताया जाता है कि इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवारों के सदस्यों से मुलाकात की थी। सूत्रों ने बताया कि सिंह सारण में हुई घटना और बिहार के ही मधुबनी में हुई उसी तरह की घटना को मिलाकर रिपोर्ट तैयार करेंगे। मधुबनी में मिड-डे मील योजना के तहत खाना खाकर एक सरकारी मध्य विद्यालय के तकरीबन 50 बच्चे बीमार पड़ गए थे। उन्होंने बताया कि सिंह ने तमिलनाडु की घटना के बारे में भी विवरण मांगा है, जहां कथित तौर पर मिड-डे मील खाने के बाद 100 से अधिक लड़कियां बीमार पड़ गई थीं।
रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के समय ही उम्मीद की जाती है कि सरकार औपचारिक तौर पर एक नई समिति का गठन करने की घोषणा करेगी। वह समिति मिड-डे मील कार्यक्रम के कार्यान्वयन की समीक्षा करेगी और इस बात की निगरानी करेगी कि अच्छी गुणवत्ता वाला खाना परोसा जाए और स्वास्थ्यकर मानदंडों को सुनिश्चित किया जाए।
सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय समाज समूहों की सहमति लेने के लिए उनसे संपर्क कर रहा है। राजू ने दावा किया था कि मंत्रालय ने योजना को लागू करने में कमियों के बारे में बिहार के 12 जिलों को सतर्क किया था। इस आरोप का नीतीश कुमार सरकार ने खंडन किया था।
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