चंडीगढ़:
हरियाणा पुलिस ने बलात्कार के दोषियों के नाम और उनका ब्योरा एक सरकारी वेबसाइट के साथ साथ फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटों पर डालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
महिलाओं के खिलाफ बलात्कार, छेड़छाड़ और दहेज हत्याओं जैसे अपराध से जुड़े मामलों में दोषियों के नाम हरियाणा पुलिस अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की आधिकारिक वेबसाइट पर डाले जाएंगे। प्रक्रिया 10 जनवरी तक पूरी हो जाएगी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हरियाणा पुलिस ने पिछले करीब एक दशक के कम से कम 2,500 दुष्कर्म दोषियों के नाम, पते और अपराध का ब्योरा वेबसाइट पर डालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
प्रदेश अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो, मधुबन (करनाल) के निदेशक लायक राम डबास ने कहा, नाम सार्वजनिक करने का मकसद दोहरा है। एक तो समाज को उनके पड़ोस में रहने वाले ऐसे लोगों के बारे में जागरूक करना और दूसरा इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए असामान्य कदम उठाते हुए कार्रवाई करना। उन्होंने कहा कि हरियाणा की अनेक अदालतों में पिछले 13 साल में महिलाओं के खिलाफ इस तरह के अपराधों के लिए दोषी ठहराए गए करीब 6,000 लोगों के नाम 10 जनवरी तक वेबसाइट पर डाले जाएंगे।
उन्होंने बताया कि इसके बाद सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों - फेसबुक तथा ट्विटर पर भी नाम डाले जाएंगे। डबास ने कहा कि राज्य में वर्ष 2000 से लेकर अब तक महिलाओं के खिलाफ अपराधों से जुड़े मामलों में 6,000 लोगों को दोषी ठहराया गया है। इनमें से 2,500 को बलात्कार के लिए, 100 महिलाओं समेत 1,000 लोगों को दहेज हत्या के मामलों में, 1,000 लोगों को महिलाओं पर क्रूरता के मामले में और 1,500 लोगों को महिलाओं से छेड़छाड़ के मामले में दोषी ठहराया गया। डबास ने कहा कि इन मामलों में कानून के अनुसार पीड़ितों के नाम और पते सार्वजनिक नहीं किए जाएंगे।
महिलाओं के खिलाफ बलात्कार, छेड़छाड़ और दहेज हत्याओं जैसे अपराध से जुड़े मामलों में दोषियों के नाम हरियाणा पुलिस अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की आधिकारिक वेबसाइट पर डाले जाएंगे। प्रक्रिया 10 जनवरी तक पूरी हो जाएगी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हरियाणा पुलिस ने पिछले करीब एक दशक के कम से कम 2,500 दुष्कर्म दोषियों के नाम, पते और अपराध का ब्योरा वेबसाइट पर डालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
प्रदेश अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो, मधुबन (करनाल) के निदेशक लायक राम डबास ने कहा, नाम सार्वजनिक करने का मकसद दोहरा है। एक तो समाज को उनके पड़ोस में रहने वाले ऐसे लोगों के बारे में जागरूक करना और दूसरा इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए असामान्य कदम उठाते हुए कार्रवाई करना। उन्होंने कहा कि हरियाणा की अनेक अदालतों में पिछले 13 साल में महिलाओं के खिलाफ इस तरह के अपराधों के लिए दोषी ठहराए गए करीब 6,000 लोगों के नाम 10 जनवरी तक वेबसाइट पर डाले जाएंगे।
उन्होंने बताया कि इसके बाद सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों - फेसबुक तथा ट्विटर पर भी नाम डाले जाएंगे। डबास ने कहा कि राज्य में वर्ष 2000 से लेकर अब तक महिलाओं के खिलाफ अपराधों से जुड़े मामलों में 6,000 लोगों को दोषी ठहराया गया है। इनमें से 2,500 को बलात्कार के लिए, 100 महिलाओं समेत 1,000 लोगों को दहेज हत्या के मामलों में, 1,000 लोगों को महिलाओं पर क्रूरता के मामले में और 1,500 लोगों को महिलाओं से छेड़छाड़ के मामले में दोषी ठहराया गया। डबास ने कहा कि इन मामलों में कानून के अनुसार पीड़ितों के नाम और पते सार्वजनिक नहीं किए जाएंगे।
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