
रेलवे की योजना दिल्ली-चंडीगढ़ रूट सेमी हाई स्पीड में बदलने की है
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दिल्ली और चंडीगढ़ के बीच है 245 किलोमीटर की दूरी
अभीतक यह दूरी शताब्दी ट्रेन द्वारा 3.30 घंटे में तय की जाती है
रेलवे इस रूट पर 200 किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड से ट्रेन चलाएगी
दिल्ली-चंडीगढ़ मार्ग 245 किलोमीटर लंबा कोरिडोर है जो उत्तर भारत के सबसे व्यस्त मार्गों में से एक है. इस मार्ग को रेलवे की ओर से शुरू की गई पहली अर्ध उच्च गति (सेमी हाई स्पीड) परियोजना के लिए चुना किया गया है और इस पर 200 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से रेल गाडियां चलाई जाएंगी.
रेलवे ने 6,400 किलोमीटर के उच्च प्राथमिकता वाले नौ यात्री कोरिडोरों की पहचान की है जिनमें दिल्ली-आगरा, दिल्ली-चंडीगढ़ मार्ग भी शामिल हैं. उन्हें सेमी हाई स्पीड की ट्रेन सेवा चलाने के लिए अपग्रेड किया जाएगा. दिल्ली-कानपुर, नागपुर-बिलासपुर, मैसूर-बेंगलूरू-चेन्नई, मुंबई-गोवा, मुंबई-अहमदाबाद, चेन्नई-हैदराबाद और नागपुर-सिंकदराबाद मार्गो की भी पहचान यात्री ट्रेनों की गति बढ़ाकर 160-200 किलोमीटर प्रति घंटा करने के लिए की गई है.
फ्रांसीसी रेलवे एसएनसीएफ 245 किलोमीटर लंबे चंडीगढ़ मार्ग सहित सेमी हाई स्पीड परियोजना पर आने वाली लागत, इसे लागू करने का मॉडल और रणनीति पेश करेगा. वर्तमान में इस रूट पर शताब्दी एक्सप्रेस 110 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से यह दूरी 3.30 घंटे में तय करती है.
परियोजना से जुड़े रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फ्रांस की टीम अक्तूबर तक अपनी अंतिम रिपोर्ट दे सकती है. जानकारों का कहना है कि इस परियोजना पर 10 हजार करोड़ से अधिक रुपये खर्च होंगे. एक किलोमीटर की दूरी के अपग्रेडेशन पर 46 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
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