रेल और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल का एक बयान चर्चा में है. देश में आई मंदी और 5 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था बनाने के सवाल पर पीयूष गोयल ने जो तर्क दिए उससे वह सोशल मीडिया पर मौजूद ट्रोलर्स के निशाने पर आ गए. इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा ऑटो सेक्टर में आई मंदी को लेकर दिए बयान के बाद मीम्स की बाढ़ आ गई थी. इस बार पीयूष गोयल लोगों के निशाने पर हैं. दरअसल जब ये सवाल उठा कि मौजूदा दर से भारत 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था कैसे बनेगा तो पीयूष गोयल ने सुझाव दिया कि हिसाब-किताब में मत पड़िए. इस दौरान उन्होंने न्यूटन का क्रेडिट आइंस्टीन को दे डाला. उन्होंने कहा कि गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत की खोज आइंस्टीन नहीं कर पाते अगर वो हिसाब-किताब में पड़ते. हालांकि पीयूष गोयल ने अपने बयान को लेकर सफाई भी जारी की, उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि बातचीत के संदर्भ के बजाय किसी एक लाइन को लेकर चर्चा की जा रही है.
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पीयूष गोयल ने कहा कि आप उस हिसाब-किताब में मत पड़िए जो टीवी पर देखते हैं कि 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था के लिए देश को 12% की रफ़्तार से बढ़ना होगा. आज ये 6% की रफ़्तार से बढ़ रही है. ऐसे हिसाब-किताब में मत पड़िए. ऐसे गणित से आइंस्टीन को गुरुत्व की खोज करने में मदद नहीं मिली. अगर आप बस बने-बनाए फ़ार्मूलों और अतीत के ज्ञान से आगे बढ़ते तो मुझे नहीं लगता कि दुनिया में इतनी सारी खोज होती.
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#PiyushGoyal trying to differentiate between Einstein and Newton. pic.twitter.com/gjxGhqZ9X0
— Sagar (@sagarcasm) September 12, 2019
Nirmala sitarman after #PiyushGoyal statement: pic.twitter.com/GEM51UQ9Rm
— buddy (@ColFool) September 12, 2019
“Maths never helped Einstein discover gravity”. : #PiyushGoyal pic.twitter.com/J0D3uyTDM6
— अंकित भारती (@Iankitbharti) September 12, 2019
Newton on his way to BJP HQ to teach Einstein #PiyushGoyal his 3rd law of gravity
— Vinay Kumar Dokania | विनय कुमार डोकानिया (@VinayDokania) September 12, 2019
" To every action there is an equal and opposite reaction" pic.twitter.com/gxQXSjIP8g
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ऑटो सेक्टर में आई मंदी के लिए युवाओं की सोच में बदलाव को जिम्मेदार ठहराया था. इसके लिए वित्त मंत्री को सोशल मीडिया की तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा था. कुछ ऐसा ही रिएक्शन सोशल मीडिया का आज भी पीयूष गोयल के लिए भी रहा. दरअसल सरकार ने खुले तौर पर स्वीकार नहीं किया है देश मंदी के दायरे के भीतर खड़ा है, ऐसे में सोशल मीडिया को सरकार की चुटकी लेने का एक मौका मिल गया.
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