
राहुल गांधी मानसून सत्र के बाद कर सकते हैं बड़ा ऐलान
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कांग्रेस सेवादल को मजबूत करने की तैयारी
मानसून सत्र के बाद हो सकता है बड़ा ऐलान
RSS को जवाब देने के लिये फिर खड़ा किया जायेगा संगठन
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कांग्रेस के इस पदाधिकारी ने बताया कि जब तक कांग्रेस सेवा दल सक्रिय रहा, तब तक कांग्रेस आरएसएस की हर चाल की काट आसानी से निकाल लेती थी. कालांतर में सेवा दल लगातार कमजोर होता गया और आरएसएस मजबूत होता जा रहा है. कांग्रेस के सूत्र भी बताते हैं कि सेवा दल का इतिहास कांग्रेस जितना ही पुराना है. इसकी कार्यशैली बिल्कुल आरएसएस की तरह ही रही है. मौजूदा समय में कांग्रेस का यह अहम संगठन मृतप्राय स्थिति में आ गया है. दरअसल, कांग्रेस सेवा दल का गठन वर्ष 1923 में हिंदुस्तान सेवा दल के नाम से हुआ था. बाद में इसे कांग्रेस सेवा दल का नाम दे दिया गया. आरएसएस की तरह ही कभी कांग्रेस सेवा दल पर भी प्रतिबंध लगा था. अंग्रेजी हुकूमत के दौरान वर्ष 1932 से लेकर 1937 तक हिंदुस्तान सेवा दल को प्रतिबंधित कर दिया गया था.
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कांग्रेस के पदाधिकारी ने बताया, "आजादी के बाद सेवा दल ने कांग्रेस को आगे बढ़ाने की कोशिश की. आजादी के बाद सत्ता में काबिज कांग्रेस को आपातकाल के बाद देश के बदले माहौल में जनता पार्टी की सरकार के गठन के बाद सेवा दल की याद आई थी. इंदिरा जी ने सेवा दल को खड़ा किया. यही नहीं, खुद राजीव गांधी ने सेवा दल के शिविर में जाकर 1983 में में सात दिनों का प्रशिक्षण लिया था." कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि राहुल को अब सेवा दल की याद आने लगी है. ऐसी अटकले हैं कि मानसून सत्र के बाद जल्द ही रायबरेली एवं अमेठी में सेवा दल का प्रशिक्षण शुरू होगा. इसके लिए कांग्रेस के शीर्ष स्तर पर सेवा दल के नाम पर बजट मुहैया कराने की रणनीति भी तैयार कर ली गयी है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू के मुताबिक, "सेवा दल पार्टी का बहुत पुरान संगठन है. इससे किसी का मुकाबला नही है. सेवा दल को मजबूती देने के लिए लगातार काम होता रहा है. आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के सभी संगठन एक साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरेंगे."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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