पिछले साल कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले राहुल गांधी (Rahul Gandhi) फिर से इस पद को स्वीकार नहीं करने के अपने इरादे पर अडिग हैं, उनके करीबी सूत्रों ने NDTV को यह जानकारी दी. सूत्रों ने यह भी कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) भी इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि वह पार्टी की महासचिव ही बनी रहेंगी और कोई बड़ा पद स्वीकार नहीं करेंगी. राजस्थान में पार्टी के संकट के बाद कांग्रेस एक बार फिर बड़े संकट की ओर बढ़ती दिख रही है. 20 से अधिक नेताओं द्वारा पार्टी नेतृत्व और उसकी कार्य प्रणाली में व्यापक बदलाव की मांग करते हुए चिट्ठी लिखी जो सार्वजनिक हो गई. चिट्ठी में यह भी लिखा है कि कैसे राजस्थान संकट को दूर करने में प्रियंका गांधी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
जैसे ही पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने कहा कि वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगी, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उनके समर्थन में उतर आए.
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अमरिंदर सिंह ने असंतुष्टों पर निशाना साधते हुए कहा, कि इस तरह का मुद्दा उठाने का यह समय नहीं है. सिंह ने कहा, ‘‘इस महत्वपूर्ण समय में पार्टी में बदलाव की मांग करने वाले कांग्रेस के इन नेताओं का कदम पार्टी के हितों और राष्ट्र के हितों के लिए हानिकारक होगा.'' उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस को ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जो केवल कुछ लोगों के लिए नहीं बल्कि समूची पार्टी, समस्त कार्यकर्ताओं और देश के लिए स्वीकार्य हो.'' साथ ही कहा कि गांधी परिवार इस भूमिका के लिए बिल्कुल उपयुक्त है.
राहुल गांधी को फिर से अध्यक्ष बनाने की मांग भी कई नेता कर रहे हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया, 'सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को पार्टी का नेतृत्व जारी रखना चाहिए और यदि उन्होंने अपना मन बना लिया है तो राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष पद के लिए आगे आना चाहिए. देश संविधान-लोकतंत्र बचाने की बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है.'
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अमरिंदर सिंह ने कहा, उन्होंने कहा, ‘‘सोनिया गांधी जब तक चाहती हैं उन्हें कांग्रेस का नेतृत्व करना चाहिए.'' इसके बाद राहुल गांधी को पद की जिम्मेदारी संभालनी चाहिए क्योंकि वह पार्टी का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह योग्य हैं.
हालांकि सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी अपनी वर्तमान भूमिका को जारी रखना चाहते हैं. साथ ही सूत्रों ने यह भी कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा भी इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि वह पार्टी महासचिव ही रहेंगी और कोई बड़ा पद नहीं लेंगी.
पिछले साल लोकसभा चुनावों में लगातार दूसरी बार कांग्रेस की हार के बाद पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि पार्टी को गांधी परिवार से बाहर का कोई नेता ढूंढ लेना चाहिए. उन्होंने विशेष रूप से कहा था कि उनकी मां और बहन को इसमें शामिल नहीं किया जाना चाहिए. स्वास्थ्य कारणों से कुछ सालों तक ज्यादा सक्रीय नहीं रहने वाली सोनिया गांधी ने पार्टी नेताओं के लगातार आग्रह पर बेमन से पार्टी की कमान संभाली थी.
लेकिन एक साल के बाद भी अध्यक्ष पद के लिए किसी उम्मीदवार के नहीं चुने जा सकने पर कई नेताओं ने कहा कि स्थिरता की कमी की वजह से कार्यकर्ता और नेता प्रभावित हो रहे हैं और इससे बीजेपी की स्थिति मजबूत हो रही है.
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