Farmers Meet With Government : किसान संगठनों के साथ चौथी दौर की बातचीत के दौरान भारत सरकार ने पहली बार यह संकेत दिया कि वह तीनों कृषि सुधार से जुड़े नए कानूनों में संशोधन पर विचार कर सकती है. करीब 7:30 घंटे चली चौथे दौर के बातचीत के दौरान किसान संगठनों की तरफ से नए कृषि सुधार कानूनों में 39 पॉइंट पर सवाल उठाए गए, जिस पर चर्चा के दौरान सरकार ने यह संकेत दिया.
हालांकि किसान संगठनों ने एकमत से सरकार के इस प्रस्ताव को ठुकराते हुए मांग की कि तीनों कानूनों को रद्द किया जाए. ऑल इंडिया किसान सभा के नेता बालकरण सिंह बरार ने एनडीटीवी से बातचीत में ये बात कही.
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किसान संगठनों का दावा है किस चौथे दौर की बातचीत में सरकार के रूप में नरमी आई है और वह अपने स्टैंड से पीछे हटती नजर आ रही है. राष्ट्रीय किसान मजदूर महासभा के शंकर देरेकर ने एनडीटीवी से कहा, "सरकार को उम्मीद थी कि जैसे जैसे दिन निकलेगा किसानों का आंदोलन कमजोर पड़ता जाएगा. लेकिन जमीन पर हालात बिल्कुल विपरीत रहे हैं. सरकार बैकफुट पर आ गई है यह किसानों की पहली जीत है . सरकार अपने स्टैंड से पीछे हटी है".
दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई इस बैठक में किसान संगठनों ने नए कानून पर अपना विरोध जताने के साथ-साथ किसानों को एमएसपी की गारंटी देने के लिए एक नया कानून लाने की मांग भी रखी.
अब यह तय किया गया है की किसान संगठन के नेताओं की शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक होगी जिसमें चौथे दौर की बातचीत की समीक्षा की जाएगी और 5 दिसंबर शनिवार को होने वाली पांचवीं दौर की बैठक का एजेंडा तय किया जाएगा
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