कर्नाटक के मांड्या में दक्षिणपंथी झंडे को लेकर हुए विवाद के बाद उत्तर कन्नड़ जिले में एक और विवाद छिड़ गया है. भटकल के टेंगिनागुंडी में विनायक दामोदर सावरकर (वीडी सावरकर) के नाम वाले एक बोर्ड को हटाने को लेकर मंगलवार को विरोध- प्रदर्शन हुआ. स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ताओं और पंचायत सदस्यों की पंचायत अधिकारियों के साथ तीखी बहस हो गई.
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने तर्क दिया कि वीडी सावरकर के नाम का बोर्ड पंचायत की मंजूरी से लगाया गया था. उन्होंने दक्षिणपंथी झंडे वाले ध्वजस्तंभ को हटाने का विरोध किया. वहीं, अधिकारियों ने दावा किया कि वीडी सावरकर के नाम का बोर्ड लगाने के लिए ग्राम पंचायत से कोई परमिशन नहीं मांगी गई थी.
एक ग्रामीण ने कहा, "ऐसा मत सोचो कि हम चुप बैठे हैं. हमारे पास अनुमति है. क्या यह पाकिस्तान का झंडा है, जो हमने लगाया है? आपको इसे गिराने का आदेश किसने दिया?"
पूरे मामले पर जिला पंचायत प्रमुख ने पंचायत के तहत आने वाले क्षेत्र में बनी ऐसी सभी संरचनाओं के लिए नोटिस जारी करने का फैसला लिया है. जिला पंचायत प्रमुख ने कहा कि संरचनाओं के लिए स्थानीय प्रशासन या स्थानीय तालुकों से परमिशन लेनी होगी. अगर 15 दिनों के अंदर जरूरी दस्तावेज पेश नहीं किए गए, तो संरचनाओं को ढहा दिया जाएगा.
जिला परिषद के प्रमुख ईश्वर कुमार ने कहा, "हमने उस पंचायत में ऐसी सभी संरचनाओं को नोटिस जारी करने का निर्णय लिया है. अगर उनके पास स्थानीय प्रशासन या स्थानीय तालुकों का परमिशन लेटर है, तो उन पर विचार किया जाएगा. ऐसा नहीं होने पर परमिशन के दस्तावेज पेश करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा."
पिछले हफ्ते मांड्या जिले के केरागोडु गांव में एक स्थानीय धार्मिक संगठन के फहराए गए भगवा हनुमान ध्वज को उपद्रवियों ने उतार दिया था, जिसके कारण आसपास के इलाकों में भारी विवाद हो गया था. जिला प्रशासन से इसकी शिकायत की गई, जिसके बाद झंडा हटा दिया गया.
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