राहुल का PM पर निशाना, कहा-केंद्रीय सेवाओं में RSS की पसंद के अधिकारियों को भर्ती करने की योजना
If former President Pranab Mukherjee joins, it is good. What is the problem if the former President visits RSS event. RSS is an organisation of the nation. There should not be any political untouchability in the country: Union Minister Nitin Gadkari pic.twitter.com/8QrilCljWa
— ANI (@ANI) May 29, 2018
वहीं इस मामले में एएनआई को दिये बयान में संघ की ओर कहा गया है कि यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है, जो लोग संघ जानते है उनको पता है कि ऐसे कार्यक्रमों में हमेशा समाज के प्रमुख लोगों को बुलाया जाता रहा है. इस बार हमने डॉ. प्रणब मुखर्जी को बुलाया है. यह उनकी महानता है कि उन्होंने निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है.
This isn't surprising for those who know & understand the Sangh, because RSS has always invited prominent people of the society in its programmes. This time, we invited Dr Pranab Mukherjee & it's his greatness that he has accepted our invitation: Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) pic.twitter.com/z9aSy2cOWS
— ANI (@ANI) May 29, 2018
गौरतलब है कि संघ के कार्यक्रम में डॉ. मुखर्जी के जाने की खबर पर इसलिये भी चर्चा हो रही है क्योंकि राष्ट्रपति बनने से पहले वो कांग्रेस के बड़े नेताओं में से गिने जाते रहे हैं जिनके संघ के साथ वैचारिक तौर पर गहरे मतभेद हैं.
कांग्रेस का कुछ भी बोलने से इनकार
कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किये जाने के मामले में टिप्पणी करने से आज इन्कार कर दिया है. पार्टी ने सिर्फ यह कहा कि वह इस कार्यक्रम समाप्त होने के बाद ही कुछ कह सकेगी. कांग्रेस के प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने संवाददाताओं से कहा, 'फिलहाल इस मामले पर हम कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. इस कार्यक्रम को होने दीजिये. उसके बाद हम कुछ कह सकेंगे.' उन्होंने इतना जरूर कहा है, 'आरएसएस और हमारी विचारधारा में बहुत अंतर है. यह वैचारिक फर्क आज भी है और आगे भी रहेगा.'
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