नई दिल्ली:
नए शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अपने कार्यकाल के पहले दिन छात्रों तक अपनी 'पहुंच' को दिखाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि हाल के माह में देशभर के कैंपस में हुए आंदोलनों से बचने के लिए बातचीत सबसे अच्छा उपाय है।
टकराव और अपनी पूर्ववर्ती स्मृति ईरानी के आक्रामक तेवरों से अलग होने के चलते जावड़ेकर को पार्टी नेतृत्व की ओर से इसके लिए चुना गया है। जावड़ेकर ने कहा कि छात्र नेता के तौर पर अपने अनुभव को वे कैंपस में संघर्ष और विरोध को 'अच्छे संवाद' के जरिये रोकने के लिए इस्तेमाल करेंगे। नए एचआरडी मंत्री ने कहा, 'मैं खुद छात्र आंदोलन की उपज हूं, इसलिए हम हर किसी से लगातार बात करते रहेंगे। यदि संवाद रहेगा तो आंदोलन की कोई जरूरत ही नहीं रहेगी।'
गौरतलब है कि स्मृति ईरानी का एचआरडी मंत्री के रूप में दो साल का कार्यकाल यूनिवर्सिटी कैंपस में आंदोलनों से भरा रहा है। मंगलवार को कैबिनेट में हुए बड़े बदलाव के बाद मानव संसाधन विभाग के नए मंत्री जावड़ेकर ने बुधवार को स्मृति ईरानी से उनके घर पर मुलाकात की। उन्होंने कहा कि वे स्मृति से बातचीत कर उनकी ओर से की गई अच्छी पहलों को आगे ले जाएंगे।
इस वर्ष की शुरुआत में प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में छात्रों के विरोध प्रदर्शन और हैदराबाद की सेंट्रल यूनिवर्सिटी में दलित स्कॉलर रोहित वेमुला की खुदकुशी के मामले को स्मृति ईरानी से जिस तरह से हैंडल किया गया था, उसके कारण उन्होंने काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था। ये आरोप भी लगे कि सत्तारूढ़ बीजेपी पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों में राइट विंग एजेंडे के जरिये स्कूल और कॉलेज शिक्षा का भगवाकरण कर रही है।
जावड़ेकर ने बुधवार को कहा, 'शिक्षा राजनीतिक पार्टियों का विषय नहीं है, यह हर किसी का मुद्दा है।' हालांकि शिक्षा के भगवाकरण के आरोप को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर और अधिक सार्थक बनाने पर उन्होंने जोर दिया। जावड़ेकर के अनुसार, प्रधानमंत्री का शिक्षा को लेकर एक विजन है और वे इसे आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे। NDTV से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारे पास अच्छी टीम है। यह टीम इंडिया विकास और सतत विकास को लेकर जूननी है।
टकराव और अपनी पूर्ववर्ती स्मृति ईरानी के आक्रामक तेवरों से अलग होने के चलते जावड़ेकर को पार्टी नेतृत्व की ओर से इसके लिए चुना गया है। जावड़ेकर ने कहा कि छात्र नेता के तौर पर अपने अनुभव को वे कैंपस में संघर्ष और विरोध को 'अच्छे संवाद' के जरिये रोकने के लिए इस्तेमाल करेंगे। नए एचआरडी मंत्री ने कहा, 'मैं खुद छात्र आंदोलन की उपज हूं, इसलिए हम हर किसी से लगातार बात करते रहेंगे। यदि संवाद रहेगा तो आंदोलन की कोई जरूरत ही नहीं रहेगी।'
गौरतलब है कि स्मृति ईरानी का एचआरडी मंत्री के रूप में दो साल का कार्यकाल यूनिवर्सिटी कैंपस में आंदोलनों से भरा रहा है। मंगलवार को कैबिनेट में हुए बड़े बदलाव के बाद मानव संसाधन विभाग के नए मंत्री जावड़ेकर ने बुधवार को स्मृति ईरानी से उनके घर पर मुलाकात की। उन्होंने कहा कि वे स्मृति से बातचीत कर उनकी ओर से की गई अच्छी पहलों को आगे ले जाएंगे।
इस वर्ष की शुरुआत में प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में छात्रों के विरोध प्रदर्शन और हैदराबाद की सेंट्रल यूनिवर्सिटी में दलित स्कॉलर रोहित वेमुला की खुदकुशी के मामले को स्मृति ईरानी से जिस तरह से हैंडल किया गया था, उसके कारण उन्होंने काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था। ये आरोप भी लगे कि सत्तारूढ़ बीजेपी पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों में राइट विंग एजेंडे के जरिये स्कूल और कॉलेज शिक्षा का भगवाकरण कर रही है।
जावड़ेकर ने बुधवार को कहा, 'शिक्षा राजनीतिक पार्टियों का विषय नहीं है, यह हर किसी का मुद्दा है।' हालांकि शिक्षा के भगवाकरण के आरोप को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर और अधिक सार्थक बनाने पर उन्होंने जोर दिया। जावड़ेकर के अनुसार, प्रधानमंत्री का शिक्षा को लेकर एक विजन है और वे इसे आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे। NDTV से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारे पास अच्छी टीम है। यह टीम इंडिया विकास और सतत विकास को लेकर जूननी है।
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